जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तारीख जल्द घोषित होने की उम्मीद है, और इसको लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। पिछले 10 साल से राज्य में कोई विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे इन चुनावों का महत्व और भी बढ़ गया है। Jammu and Kashmir Elections इस बार जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हो सकते हैं, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत कई अन्य प्रमुख राजनीतिक दल इस मौके पर अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इस बार बीजेपी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, और इसके लिए वह जनता से व्यापक स्तर पर संपर्क कर रही है।
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बीजेपी की रणनीति
बीजेपी की चुनावी तैयारियों को देखते हुए पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और पूर्व मंत्री श्याम लाल शर्मा ने पुंछ के मेंढर क्षेत्र का दौरा किया। यह दौरा खासतौर पर Elections में पार्टी की योजनाओं और घोषणापत्र पर चर्चा के लिए किया गया था। शर्मा ने साफ किया कि इस बार पार्टी हर सीट पर उम्मीदवार उतारेगी और कोई भी गलती नहीं दोहराई जाएगी। उनका मानना है कि पार्टी जम्मू-कश्मीर के विकास और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है और वह जनता के सुझावों को ध्यान में रखते हुए घोषणापत्र तैयार कर रही है।
चुनाव आयोग की तैयारी
Jammu and Kashmir Election विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग भी पूरी तरह सक्रिय हो गया है। हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और राज्य में Elections जल्द से जल्द कराने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग बाहरी दबाव या किसी भी प्रकार के प्रभाव से स्वतंत्र रहेगा, और Jammu and Kashmir Elections निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से कराए जाएंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। 2019 में धारा 370 हटने के बाद से राज्य की स्थिति में कई बड़े बदलाव आए हैं। राज्य को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया और अब विधानसभा चुनाव की मांग जोर पकड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में आदेश दिया था कि 30 सितंबर 2024 तक राज्य में Jammu and Kashmir Elections कराए जाएं।
अन्य राजनीतिक दलों की सक्रियता
बीजेपी के साथ-साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और कांग्रेस जैसी पार्टियां भी चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। ये दल राज्य के विशेष दर्जे की बहाली को लेकर अपनी मांगें जोर-शोर से उठा रहे हैं, जबकि बीजेपी विकास और सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
चुनावों में मुख्य मुद्दे
आगामी Jammu and Kashmir Elections में मुख्य मुद्दे सुरक्षा, विकास, और धारा 370 की बहाली के इर्द-गिर्द घूमेंगे। बीजेपी राज्य के विकास को आगे बढ़ाने की बात कर रही है, जबकि विपक्षी दल धारा 370 को बहाल करने की मांग पर जोर दे रहे हैं। इसके अलावा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं की कमी भी महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे हो सकते हैं।
जनता की भूमिका
जम्मू-कश्मीर की जनता आगामी Jammu and Kashmir Elections को लेकर उत्साहित है। यह चुनाव राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने का एक सुनहरा अवसर हो सकता है। पिछले एक दशक में राज्य ने राजनीतिक अस्थिरता का सामना किया है, और अब लोग स्थिरता और विकास की उम्मीद कर रहे हैं। जनता की राय और उनकी अपेक्षाओं पर राजनीतिक दलों की नज़र है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा दल जनता का भरोसा जीतने में सफल होता है।
निष्कर्ष
Jammu and Kashmir Elections की तारीख जल्द ही घोषित हो सकती है। इन चुनावों के जरिए राज्य के राजनीतिक भविष्य का निर्धारण होगा। बीजेपी और अन्य राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ पूरी तरह तैयार हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है।
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