Indian Oil का 2025 लाभांश: 66वीं AGM में अंतिम मंजूरी

Indian Oil

भारतीय तेल निगम (Indian Oil) ने वित्त वर्ष 2024-25 के अंतिम लाभांश के लिए शेयरधारकों से मंजूरी मांगी

भारतीय तेल निगम (Indian Oil Corporation Ltd., IOCL), जो भारत का सबसे बड़ा सरकारी स्वामित्व वाला ईंधन खुदरा विक्रेता है, अपने वित्त वर्ष 2024-25 के अंतिम लाभांश (final dividend) के लिए आगामी 66वें वार्षिक आम बैठक (AGM) में शेयरधारकों से मंजूरी लेने के लिए तैयार है। यह बैठक 30 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है, जहाँ बोर्ड द्वारा लाभांश भुगतान पर दी गई सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

फायदा और अंतिम लाभांश
अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो यह अंतरिम भुगतान के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लाभांश पिछले वर्ष से अधिक होगा। यह कदम Indian Oil निगम की वित्तीय स्थिति पर भरोसा दिखाता है। भारतीय तेल निगम ने हमेशा एक शेयरधारक-मित्र नीति बनाए रखी है, जिसमें सरकार, जो कंपनी में 51% से अधिक हिस्सेदारी रखती है, इन लाभांश भुगतानों का सबसे बड़ा लाभार्थी है।

आर्थिक प्रदर्शन
लाभांश प्रस्ताव के बाद, Indian Oil निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष में मजबूत लाभ प्राप्त किया, जिसमें मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन, उत्कृष्ट विपणन प्रदर्शन और ईंधन खंडों में स्थिर मांग वसूली का महत्वपूर्ण योगदान था। इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने रुपये 5 प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश घोषित किया था, जो कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आपूर्ति चिंता के बावजूद निवेशकों को इनाम देने का एक तरीका था।

Q1 FY26 के वित्तीय परिणाम
भारत के सबसे बड़े तेल रिफाइनरी और विपणन कंपनी Indian Oil निगम ने अपने ताजा तिमाही परिणामों में (Q1 FY26), 6,813.7 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ रिपोर्ट किया, जो पिछले साल की तुलना में 93% का इजाफा था। हालांकि, यह पहले की तिमाही से 16% कम था। ऑपरेशंस से राजस्व लगभग 2.21 ट्रिलियन रुपये था, जो पिछले साल की समान तिमाही से 0.9% का मामूली बढ़ोतरी थी।

स्वतंत्र रूप से कंपनी का प्रदर्शन
स्वतंत्र रूप से, भारतीय तेल निगम का शुद्ध लाभ 2,643 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,689 करोड़ रुपये हो गया, जो मुख्य रूप से मजबूत विपणन मार्जिन द्वारा प्रेरित था। हालांकि, कंपनी को जून तिमाही में लगभग 6,465 करोड़ रुपये का इन्वेंटरी हानि का सामना करना पड़ा था, जबकि पिछले साल इस अवधि में 3,300 करोड़ रुपये से अधिक का इन्वेंटरी लाभ हुआ था, जिसने रिफाइनिंग मार्जिन को प्रभावित किया। इस स्थिति के बावजूद, मजबूत लाभप्रदता ने Indian Oil निगम की मजबूत स्थिति को उजागर किया।

रिफाइनिंग मार्जिन में गिरावट
कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) गिरकर 2.15 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि पिछले साल यह 6.39 डॉलर प्रति बैरल था। हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद, कंपनी ने अपनी मजबूती और ऊर्जा बाजार में अनिश्चितता के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया।

कंपनी का दृष्टिकोण और रणनीतियाँ
कंपनी ने अपने वित्तीय वर्ष 2024-25 के वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि उसका लक्ष्य अनुसंधान एवं विकास (R&D) के आधार को मजबूत करना है ताकि वह रक्षा और रणनीतिक इलेक्ट्रॉनिक्स में नवाचार और उच्च-तकनीकी समाधानों का निर्माण कर सके। Indian Oil निगम की रणनीति इस पर केंद्रित है कि वह वैश्विक ओईएम (Original Equipment Manufacturer) के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करे और उच्च-विश्वसनीयता वाले समाधान प्रदान करने में सक्षम बने।

इसके अलावा, कंपनी अपनी स्थिति को घरेलू बाजार में मजबूत करने के लिए स्थानीय क्षमताओं का लाभ उठाएगी और राष्ट्रीय रक्षा पहलों के साथ गठबंधन करेगी। साथ ही, वह अपने निर्यात-तैयार सिस्टम के जरिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास करेगी।

निवेशकों के लिए सूचना
कंपनी ने इस दौरान निवेशकों को यह सूचना दी है कि कंपनी अपने अद्वितीय समाधानों के साथ वैश्विक स्तर पर भी उभर रही है, खासकर जब वह अपने रक्षा और अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों को मजबूत करती है। इसके अलावा, Indian Oil निगम का मजबूत वित्तीय आधार और उच्च विकास क्षमता इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बना देती है।

निष्कर्ष
Indian Oil निगम की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है और आने वाले समय में भी इसकी वृद्धि की संभावना बनी रहती है। कंपनी का विकास रिफाइनिंग मार्जिन में अस्थिरताओं के बावजूद जारी है और उसने अपने विपणन क्षेत्र में मजबूत विकास किया है। इस सबका फायदा निवेशकों को भी मिलेगा, जो Indian Oil निगम के शेयरों में निवेश करने की योजना बना रहे हैं।

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