Etah Police Crime: किशोर की थाने में पिटाई, आत्महत्या की घटना से मचा बवाल

Etah Police Crime

Etah Police Crime: किशोर की पुलिस पिटाई से आत्महत्या, हंगामा और जांच शुरू

एटा जिले के निधौली कलां क्षेत्र में एक किशोर ने लड़की भगाने के शक में पुलिस द्वारा की गई पिटाई के बाद suicide कर ली। यह घटना पुलिस के रवैये और उनके द्वारा ली गई रिश्वत के आरोपों के कारण और भी विवादित हो गई। परिवार के आरोपों के बाद स्थानीय पुलिस थाने के सामने हंगामा हुआ और पुलिस अधिकारियों ने दो दारोगाओं को लाइन हाजिर कर दिया।

घटना का विवरण:

Etah Police Crime माह मार्च में निधौली कलां क्षेत्र की एक किशोरी के गायब होने की घटना ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी थी। किशोरी के पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने यह शक जताया था कि गाँव के एक युवक सत्यवीर को इस मामले की जानकारी हो सकती है। सत्यवीर, जो महाराष्ट्र के नासिक में एक निजी फर्म में मजदूरी करता था, 8 दिन से पुलिस की निगरानी में था और परिवार के कहने पर वह 2 दिन पहले अपने घर लौट आया।

Etah Police Crime किशोर के पिता ने 1 अगस्त की शाम 7 बजे सत्यवीर को लेकर थाना निधौली कलां में दारोगा सुरेंद्र सिंह और आसिफ अली के पास पहुंचे। वहां, पुलिस ने सत्यवीर को डंडे और बेल्ट से बेरहमी से पीटा। सुबह जब परिवार ने उसका पता लगाया, तो वह सड़क किनारे मृत पाया गया। इस पिटाई के दौरान उसे मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गई थीं, जिससे उसकी मौत हो गई।

Etah Police Crime पुलिस का पक्ष:

पुलिस ने दावा किया है कि सत्यवीर से पूछताछ की गई थी और इसके बाद उसे उसके परिवार के पास भेज दिया गया था। पुलिस के अनुसार, घर पहुंचने के बाद किशोर ने suicide कर ली। हालांकि, सत्यवीर के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे, जिससे परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पुलिस ने रिश्वत के तौर पर 50,000 रुपये लिए थे और तब ही उसे छोड़ने का वादा किया था।

Etah Police Crime परिवार और गाँववालों की प्रतिक्रिया:

परिवार और गाँववालों ने पुलिस पर गहरा आरोप लगाया है कि उन्होंने न केवल पिटाई की बल्कि रिश्वत भी ली। इसके बाद, पूरे गांव में हंगामा मच गया। परिवार ने किशोर का शव पुलिस कार्यालय पर रखा और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध ने पुलिस के कामकाजी माहौल को प्रभावित किया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

Etah Police Crime प्रशासनिक कार्रवाई:

घटना के बाद एसएसपी ने मामले की जांच शुरू कर दी और पुलिस के दो दारोगाओं को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही, पुलिस अधिकारियों ने जांच के लिए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने का आदेश दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

जांच और भविष्य के कदम:

अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार सिंह ने मामले की जांच शुरू की है और पुलिस का कहना है कि वे पूरी पारदर्शिता के साथ जांच करेंगे। इस घटना के बाद, एटा पुलिस ने अपनी कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए हैं और यह साबित करने की कोशिश की है कि क्या पुलिस ने अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल किया।

Etah Police Crime किशोर की आत्महत्या:

सत्यवीर की आत्महत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया है और इस घटना ने पुलिस प्रशासन की नाकामी को उजागर किया है। पुलिस द्वारा की गई पिटाई और रिश्वत की बात ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। अब, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज से पता चलेगा कि पुलिस ने कितनी बड़ी लापरवाही की।

सारांश:

यह घटना न केवल एटा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। जब तक मामले की पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक पुलिस के खिलाफ आरोपों का सच सामने आना कठिन है। लेकिन इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या पुलिस को इस प्रकार के दबावों और बल प्रयोग की अनुमति होनी चाहिए, और किस हद तक ये घटनाएं मानवाधिकारों का उल्लंघन करती हैं।

Etah Police Crime की यह घटना निश्चित ही एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आकर खत्म हुई है, जिसमें एक किशोर की जान चली गई और पूरे क्षेत्र में पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए गए।

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