Bangladesh: बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता शेख हसीना का इस्तीफा और Interim Government की संभावनाएं

Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina

Bangladesh Interim Government

Bangladesh में राजनीतिक अस्थिरता और आगामी चुनावों की तैयारी के बीच, आज एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है जिसमें Interim Government के गठन पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक देश के प्रमुख राजनीतिक दलों और नेताओं के बीच आयोजित की जा रही है ताकि बांग्लादेश की राजनीतिक दिशा और आगामी चुनावों को सुचारु रूप से आयोजित करने के लिए एक Interim Government की स्थापना की जा सके।

Bangladesh Former Prime Minister Sheikh Hasina - Bangladesh Interim Government

राजनीतिक पृष्ठभूमि

Bangladesh में हाल के वर्षों में राजनीतिक तनाव और अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। प्रधानमंत्री शेख हसीना की नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार और विपक्षी दलों के बीच संघर्ष और मतभेद लगातार बढ़ते जा रहे हैं। विपक्षी दल, खासकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी दल, सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग और चुनाव में धांधली का आरोप लगाते रहे हैं।

Interim Government की आवश्यकता

Interim Government की आवश्यकता इसलिए महसूस की जा रही है ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से संपन्न हो सकें। विपक्षी दलों का मानना है कि वर्तमान सरकार के तहत चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते और इसलिए एक निष्पक्ष Interim Government का गठन आवश्यक है। इस Interim Government का उद्देश्य चुनाव की निगरानी करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।

आज की बैठक का महत्व

आज की बैठक का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे। इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि Interim Government का गठन कैसे होगा, उसका स्वरूप कैसा होगा और उसमें कौन-कौन से नेता शामिल होंगे। साथ ही, यह भी चर्चा की जाएगी कि चुनाव आयोग को किस प्रकार से स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करने की अनुमति दी जाएगी।

संभावित परिणाम

इस बैठक के परिणामस्वरूप, Bangladesh में राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है। यदि बैठक सफल होती है और सभी पक्ष किसी एक सहमति पर पहुँचते हैं, तो यह बांग्लादेश की जनता के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। इससे देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बल मिलेगा और चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बढ़ेगा।

विपक्ष की मांगें

विपक्षी दलों की प्रमुख मांगें हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार को सत्ता छोड़नी चाहिए और Interim Government को सत्ता सौंपनी चाहिए। वे चाहते हैं कि Interim Government का नेतृत्व एक निष्पक्ष और गैर-राजनीतिक व्यक्ति करे ताकि चुनावी प्रक्रिया पर किसी भी तरह का राजनीतिक प्रभाव न पड़े। इसके अलावा, वे चुनाव आयोग के पुनर्गठन और स्वतंत्र निगरानी समितियों के गठन की भी मांग कर रहे हैं।

सरकार का पक्ष

सरकार का कहना है कि वह चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, उन्होंने विपक्ष की कुछ मांगों को अस्वीकार कर दिया है। उनका मानना है कि वर्तमान सरकार के तहत ही चुनाव कराए जाने चाहिए और चुनाव आयोग को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाना चाहिए।

भविष्य की दिशा

इस बैठक के बाद, यह देखना होगा कि Bangladesh की राजनीतिक दिशा किस ओर जाती है। क्या विपक्ष और सरकार के बीच कोई समझौता होता है या फिर राजनीतिक संघर्ष और बढ़ता है। Interim Government का गठन यदि हो जाता है तो यह बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

आज की बैठक Bangladesh की राजनीतिक स्थिति को स्थिर करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह देखना बाकी है कि इस बैठक में क्या निर्णय लिए जाते हैं और उनका देश की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है। सभी की निगाहें आज की इस अहम बातचीत पर टिकी हुई हैं और उम्मीद है कि बांग्लादेश को एक सकारात्मक राजनीतिक दिशा मिलेगी।

 Bangladesh में उथल-पुथल: Interim Government के गठन की प्रतीक्षा


Bangladesh Prime Minister

Bangladesh  इस समय भारी तनाव में है क्योंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़कर जाने के बाद एक नई सरकार के गठन की तैयारी चल रही है। एक हिंसक विद्रोह के बाद हसीना ने देश छोड़ा, जिससे कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई और देश में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय मीडिया ने बताया कि हसीना के चले जाने के बाद से देश में अशांति फैल गई।

प्रदर्शनकारियों की मांगें

छात्र आंदोलन के नेताओं ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान से मिलने की योजना बनाई है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को Interim Government का नेतृत्व करने के लिए बुलाया है। मंगलवार की सुबह, कर्फ्यू हटा लिया गया और कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल गए, हालांकि सरकारी नौकरी के कोटे के खिलाफ और हिंसा के बाद उपस्थिति कम रही। इन विरोध प्रदर्शनों में 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं। ढाका हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन भी फिर से शुरू हो गया।

हसीना का देश छोड़ना

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को एक सैन्य विमान से भारत के लिए उड़ान भरी और दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरीं। वहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और भारत की स्थिति से अवगत कराया। सूत्रों के अनुसार, हसीना ने लंदन जाने की योजना बनाई है, जहां वह शरण लेना चाहती हैं। हालांकि, उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने इन रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि हसीना का बांग्लादेश लौटने का कोई इरादा नहीं है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं

बांग्लादेश की स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है, हसीना के देश छोड़ने के बाद हिंसा जारी है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने घोषणा की है कि सभी सरकारी और निजी कार्यालय, कारखाने और शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को फिर से खुल जाएंगे। बांग्लादेश के सेना प्रमुख मंगलवार को छात्र आंदोलन के नेताओं से मिलेंगे, जबकि देश नई सरकार के गठन की तैयारी कर रहा है। छात्रों ने पहले सरकारी नौकरी के कोटे के खिलाफ प्रदर्शन किया और बाद में हसीना के इस्तीफे की मांग की। अब वे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक Interim Government की मांग कर रहे हैं, जैसा कि बांग्लादेशी दैनिक “प्रोथोम आलो” ने रिपोर्ट किया।

हसीना के शासन का अंत

हसीना के शासन का अंत कई लोगों के लिए खुशी का कारण बना, जो ढाका में उनके आधिकारिक निवास की छतों पर झंडे लहराते हुए देखे गए। प्रदर्शनकारियों ने उनके निवास में घुसकर बिस्तरों में लेटते हुए, फर्नीचर और कीमती सामान उठाते हुए और रसोई में धावा बोलते हुए वीडियो बनाए, जो वायरल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर भी धावा बोल दिया, जहां वे जोर-जोर से नारे लगाते हुए धुएं के बम फोड़ते नजर आए। उन्होंने संपत्ति को लूटा, नष्ट किया और हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की मूर्तियों और भित्ति चित्रों को नुकसान पहुंचाया।

खालिदा जिया की रिहाई

Banglades के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के बाहर होने के कुछ ही घंटों बाद जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी नेता खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया। जिया, जो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष हैं, को 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल की सजा सुनाई गई थी।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राज्य अमेरिका ने Interim Government के लोकतांत्रिक और समावेशी गठन की मांग की और सभी पक्षों से “अतिरिक्त हिंसा से बचने” का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी हिंसक कृत्यों की पूरी और स्वतंत्र जांच की मांग की है।

शेख हसीना का कार्यकाल

शेख हसीना 2009 से Bangladesh की सत्ता में थीं। उनके शासन के दौरान, देश की जीडीपी औसतन 6 प्रतिशत से अधिक बढ़ी, जिससे महत्वपूर्ण आर्थिक वृद्धि हुई। हालांकि, उनकी सरकार को मानवाधिकारों के उल्लंघन, भ्रष्टाचार और राजनीतिक विपक्ष के दमन के आरोपों का सामना करना पड़ा।

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