Bangladesh में उथल-पुथल: Interim Government के गठन की प्रतीक्षा
Bangladesh इस समय भारी तनाव में है क्योंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़कर जाने के बाद एक नई सरकार के गठन की तैयारी चल रही है। एक हिंसक विद्रोह के बाद हसीना ने देश छोड़ा, जिससे कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई और देश में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय मीडिया ने बताया कि हसीना के चले जाने के बाद से देश में अशांति फैल गई।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
छात्र आंदोलन के नेताओं ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान से मिलने की योजना बनाई है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को Interim Government का नेतृत्व करने के लिए बुलाया है। मंगलवार की सुबह, कर्फ्यू हटा लिया गया और कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल गए, हालांकि सरकारी नौकरी के कोटे के खिलाफ और हिंसा के बाद उपस्थिति कम रही। इन विरोध प्रदर्शनों में 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं। ढाका हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन भी फिर से शुरू हो गया।
हसीना का देश छोड़ना
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को एक सैन्य विमान से भारत के लिए उड़ान भरी और दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरीं। वहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और भारत की स्थिति से अवगत कराया। सूत्रों के अनुसार, हसीना ने लंदन जाने की योजना बनाई है, जहां वह शरण लेना चाहती हैं। हालांकि, उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने इन रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि हसीना का बांग्लादेश लौटने का कोई इरादा नहीं है।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
बांग्लादेश की स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है, हसीना के देश छोड़ने के बाद हिंसा जारी है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने घोषणा की है कि सभी सरकारी और निजी कार्यालय, कारखाने और शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को फिर से खुल जाएंगे। बांग्लादेश के सेना प्रमुख मंगलवार को छात्र आंदोलन के नेताओं से मिलेंगे, जबकि देश नई सरकार के गठन की तैयारी कर रहा है। छात्रों ने पहले सरकारी नौकरी के कोटे के खिलाफ प्रदर्शन किया और बाद में हसीना के इस्तीफे की मांग की। अब वे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक Interim Government की मांग कर रहे हैं, जैसा कि बांग्लादेशी दैनिक “प्रोथोम आलो” ने रिपोर्ट किया।
हसीना के शासन का अंत
हसीना के शासन का अंत कई लोगों के लिए खुशी का कारण बना, जो ढाका में उनके आधिकारिक निवास की छतों पर झंडे लहराते हुए देखे गए। प्रदर्शनकारियों ने उनके निवास में घुसकर बिस्तरों में लेटते हुए, फर्नीचर और कीमती सामान उठाते हुए और रसोई में धावा बोलते हुए वीडियो बनाए, जो वायरल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर भी धावा बोल दिया, जहां वे जोर-जोर से नारे लगाते हुए धुएं के बम फोड़ते नजर आए। उन्होंने संपत्ति को लूटा, नष्ट किया और हसीना के पिता और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की मूर्तियों और भित्ति चित्रों को नुकसान पहुंचाया।
खालिदा जिया की रिहाई
Banglades के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के बाहर होने के कुछ ही घंटों बाद जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी नेता खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया। जिया, जो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष हैं, को 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल की सजा सुनाई गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राज्य अमेरिका ने Interim Government के लोकतांत्रिक और समावेशी गठन की मांग की और सभी पक्षों से “अतिरिक्त हिंसा से बचने” का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी हिंसक कृत्यों की पूरी और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
शेख हसीना का कार्यकाल
शेख हसीना 2009 से Bangladesh की सत्ता में थीं। उनके शासन के दौरान, देश की जीडीपी औसतन 6 प्रतिशत से अधिक बढ़ी, जिससे महत्वपूर्ण आर्थिक वृद्धि हुई। हालांकि, उनकी सरकार को मानवाधिकारों के उल्लंघन, भ्रष्टाचार और राजनीतिक विपक्ष के दमन के आरोपों का सामना करना पड़ा।
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