Today News Update Uttarakhand Tunnel : उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों से आए 41 मजदूर फंसे हुए हैं स्क्यू टीमें 10 दिन से 41 मजदूरों को सुरक्षित निकालने की पुरजोर कोशिश में जुटी हैं इन मजदूरों को हर घंटे थोड़ा-थोड़ा भोजन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है

Uttrakhand News : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुए सुरंग हादसे में पिछले 10 दिनों से अंदर फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए सभी संभावित प्रयास किए जा रहे हैं। सिलक्यारा क्षेत्र में बन रही सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए खाना और पानी नियमित रूप से पहुंचाया जा रहा है। इन मजदूरों की सुरक्षा के लिए एक छह इंच की पाइप का उपयोग किया जा रहा है, जिसे सुरंग की बंद हुई स्थिति में छेद करने के लिए तैयार किया गया है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि मजदूरों को सुरंग के भीतर स्वस्थ रखा जा सके, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पहले चार इंच की पाइप को बढ़ाकर अब छह इंच वाली पाइप का उपयोग किया जा रहा है. मजदूरों को खाने और पानी की सप्लाई के लिए यह प्रयास किया जा रहा है.मंगलवार रात को, मजदूरों को स्वस्थ रखने के लिए विभिन्न विकल्पों का प्रदान किया गया था. इसमें वेज पुलाव, मटर-पनीर, और मक्खन के साथ चपाती शामिल थीं. खाना पाइप के जरिए सुरंग के भीतर पहुंचाया गया था.

सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों का ब्यौरा: उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों से आए 41 मजदूर फंसे हुए हैं। इसमें शामिल हैं 2 उत्तराखंड, 1 हिमाचल प्रदेश, 8 उत्तर प्रदेश, 5 बिहार, 3 पश्चिम बंगाल, 2 असम, 15 झारखंड, और 5 ओडिशा के मजदूर।

उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र, जो चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ परियोजना का हिस्सा है, में यह घटना हुई है। टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को गिर गया था, जिससे मजदूर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।

नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कोर्पोरेशन‘ (NHIDCL) के डायरेक्टर अंशु मनीष खुल्को ने इस प्रयास की जानकारी दी है. इसका मकसद सुनिश्चित करना है कि सुरंग में फंसे मजदूरों को उनकी आवश्यकताओं का सही समर्थन मिले और उनकी सेहत को ध्यान में रखा जाए.यह एक सकारात्मक पहल है जो मजदूरों को उनके कठिन स्थिति में सहारा प्रदान करने के लिए किया गया है और इससे उन्हें उचित पोषण और स्वस्थ जीवनशैली का लाभ होगा.

मजदूरों के लिए किए गए आहार प्रदान के बारे में आपकी जानकारी से, सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों के लिए डॉक्टर्स ने खिचड़ी और दलिया का सुझाव दिया है। ब्लॉकेज के कारण रविवार को छह इंच वाले पाइप से खिचड़ी और दलिया की डिलीवरी नहीं हो सकी थी, लेकिन ब्लॉकेज के बाद सोमवार रात को मजदूरों को गर्म खिचड़ी और दलिया मिला। इस खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक करके मजदूरों तक पहुंचाया गया है।इसके अलावा, इस पाइपलाइन से कटे हुए सेब और केले भी मजदूरों को भेजे गए हैं, जिससे उन्हें विभिन्न पोषण स्रोत मिल सके। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि मजदूरों को सही मात्रा में पोषण प्राप्त हो और उनकी सेहत को सही तरीके से बनाए रखा जाए।इस प्रयास से यह साबित हो रहा है कि स्थितियों के कठिनाईयों के बावजूद, सरकार और संबंधित निकाय अब भी मजदूरों के लिए उचित आहार और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं

NHIDCL के डायरेक्टर अंशु मनीष खुल्को ने मंगलवार को बताया कि हमने छह इंच वाले पाइप को साफ कर दिया है। इसके माध्यम से हमने मजदूरों को मंगलवार की सुबह संतरे, केले, और दवाइयां भेज दी हैं। डिनर के समय, मजदूरों को मंगलवार रात को सॉलिड फूड आइटम भेजा गया है, जिसमें वेज पुलाव और मटर पनीर शामिल हैं। इसके अलावा, चार इंच वाले पाइप के माध्यम से ड्राई-फ्रूट, पानी, और दवाइयां भी भेजी जा रही हैं। डिनर के लिए 150 पैकेट खाने के लिए मजदूरों को भेजे गए हैं

मजदूरों के लिए भोजन तैयार कर रहे होटल के मालिक, अभिषेक रामोला ने बताया कि डॉक्टरों की निगरानी में वह चावल और पनीर का भोजन तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे अंदर फंसे लोगों के लिए भी खाना तैयार कर रहे हैं और उनकी देखभाल में हैं। वह यह भी कहा कि उनकी टीम ने ऐसा भोजन तैयार किया है जो आसानी से पच जाएगा। खाना बनाने वाले शेफ संजीत राणा ने यह भी बताया कि उन्होंने खाने को पर्याप्त मात्रा में पैक किया है और यह कम तीखा और कम तेल वाला है।
सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों का मामला: उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए हैं। इसमें उत्तराखंड से 2, हिमाचल प्रदेश से 1, यूपी से 8, बिहार से 5, पश्चिम बंगाल से 3, असम से 2, झारखंड से 15 और ओडिशा से 5 मजदूर शामिल हैं। यह सुरंग सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ परियोजना का हिस्सा है और उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया, जिसके कारण मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए हैं। इन मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 10 दिनों से रेस्क्यू अभियान जारी है, लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है।

पाइप के माध्यम से प्रति घंटे भेजे जा रहे भोजन का विवरण: सोइया संजीत राणा ने बताया कि डॉक्टरों की मुख्यालय में, कम तेल और मसालों के साथ भोजन तैयार किया जा रहा है, ताकि यह आसानी से पच सके। रात में, श्रमिकों के लिए 150 पैकेट भोजन भेजे गए हैं। संजीत ने बताया कि दिन भर में, मजदूरों को फल भी भेजे गए हैं।

मजदूरों को हर घंटे में खाना पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, सुबह फल भेजे गए थे और खिचड़ी, दलिया, साबूदाना, सोयाबीन बोतलों में भरकर मजदूरों तक पहुंचाए जा रहे हैं। मजदूरों के लिए 6 इंच चौड़ी पाइप लाइन से भोजन पहुंचाया जा रहा है।

 

 

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