Pakistan : पाकिस्तान में एक बार फिर से आर्थिक संकट की स्थिति गहराती जा रही है, और इसके चलते सरकार ने एक आपातकालीन कदम उठाया है। आधी रात को अचानक से पेट्रोल और डीजल के दामों में भारी वृद्धि की गई, जिससे इनकी कीमतें ₹300 के करीब पहुँच गई हैं। यह निर्णय आम जनता के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि इससे रोजमर्रा की जीवन लागत में स्पष्ट रूप से वृद्धि होगी।
सरकार का यह कदम मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ चल रही वित्तीय सहायता वार्ता के संदर्भ में आया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य राजकोषीय घाटे को कम करना और आर्थिक संकट से निपटने के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन जुटाना है।
16 जुलाई से पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में वृद्धि हुई है। पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने पेट्रोल के दाम में 9.99 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया है, जिसके चलते पेट्रोल की कीमत अब 275.60 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है। इसी प्रकार, डीजल के मूल्य में 6.18 रुपये का उछाल आया है, जिससे डीजल का मूल्य बढ़कर 283.63 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस वृद्धि के साथ, पाकिस्तानी इतिहास में पहली बार.पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इस आश्चर्यजनक वृद्धि से आम नागरिकों के जीवन पर तुरंत प्रभाव पड़ा है। वाहन चालकों और परिवहन सेवाओं पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है, और इससे अन्य बुनियादी वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में भी वृद्धि की आशंका है।
New Petroleum Prices from 16th July, 2024. pic.twitter.com/epau2f0Wjq
— Ministry of Finance, Government of Pakistan (@Financegovpk) July 15, 2024
सरकार ने जनता से इस वृद्धि के प्रति समझदारी और सहयोग की अपील की है, क्योंकि यह आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए अनिवार्य कदम बताया गया है। हालांकि, सामाजिक मीडिया और समाचार चैनलों पर इस निर्णय के विरोध में तीव्र प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।
इस घटनाक्रम के बीच, पाकिस्तानी सरकार ने आर्थिक सुधारों की दिशा में और कदम उठाने की बात कही है, ताकि देश को वित्तीय संकट से बाहर निकाला जा सके।
पाकिस्तान वर्तमान में गहरे आर्थिक संकट में घिरा हुआ है, जिसका मुख्य कारण देश का बढ़ता कर्ज है। वर्षों से चली आ रही वित्तीय अनियमितताएं, अत्यधिक विदेशी कर्ज, और आर्थिक नीतियों में स्थिरता की कमी ने पाकिस्तान को इस गंभीर स्थिति में ला खड़ा किया है।
पाकिस्तान की कुल ऋण स्थिति उसकी जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा बन चुकी है, जिससे उसकी वित्तीय स्वतंत्रता पर गहरा असर पड़ रहा है। इस बढ़ते कर्ज के चलते, पाकिस्तान को अपने आर्थिक संरचनाओं में महत्वपूर्ण सुधार करने पड़ रहे हैं, जिसमें कटौती, नई आर्थिक नीतियां, और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से सहायता प्राप्त करना शामिल है।
इस आर्थिक संकट का एक प्रमुख प्रभाव यह हुआ है कि पाकिस्तानी रुपये की मुद्रा मूल्य में गिरावट आई है, जिससे आयात महंगा हो गया है और महंगाई दर में उछाल आया है। इससे आम नागरिकों की खरीदारी क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, और जीवन यापन की लागत में बढ़ोतरी हुई है