New Delhi : कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने सैम पित्रोदा ने एक बार फिर से ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभाल लिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए उनके दो विवादित बयानों के कारण पार्टी को कठिन स्थिति का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते उन्होंने स्वयं ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, चुनाव परिणाम आने के बाद महीने भर भी नहीं बीते थे कि उन्होंने वापसी की और उनकी पुनः नियुक्ति हो गई।
यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि सैम पित्रोदा की इतनी शीघ्रता से वापसी क्यों आवश्यक थी। कांग्रेस पार्टी को उनकी ऐसी कौन सी अहमियत है? क्या लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के पास ऐसे सलाहकारों की कमी हो गई है जो पित्रोदा की तत्काल वापसी को आवश्यक बना देती है