Samvidhan Divas: भारतीय संविधान का 75वां वर्ष
भारत में 26 नवम्बर को (Samvidhan Divas) मनाया जाता है, जो भारतीय संविधान के अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ के रूप में महत्त्वपूर्ण है। इस दिन भारतीय संविधान को अपनाया गया था, जो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को आकार देने वाला एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
26 नवंबर 1949 का ऐतिहासिक दिन
1949 में इस दिन, लगभग तीन वर्षों की बहस और विचार-विमर्श के बाद, भारतीय संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया था। इस सभा का नेतृत्व डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने किया था, जो संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में लाया गया, जो भारतीय गणराज्य के जन्म का प्रतीक था।
Samvidhan Divas के रूप में हर साल 26 नवम्बर को यह दिन मनाया जाता है, जिसे Samvidhan Diwas भी कहा जाता है। इस दिन को संविधान के अंगीकरण की याद में संपूर्ण राष्ट्र सम्मानित करता है और संविधान के महत्त्व को समझता है।
भारतीय संविधान के बारे में कुछ कम जाने जाने तथ्य
Samvidhan Divas के इस अवसर पर, हम भारतीय संविधान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को साझा करते हैं, जो शायद बहुत कम लोग जानते हैं:
- संविधान सभा की स्थापना: मनाबेन्द्रनाथ राय ने 1934 में संविधान सभा की स्थापना का विचार प्रस्तुत किया था। यह बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की आधिकारिक मांग बन गई।
- संविधान का लेखन: भारतीय संविधान को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखा था, यह न तो छापा गया था और न ही टाइप किया गया था।
- संविधान के पन्ने: शांतिनिकेतन के कलाकारों ने, जिनमें बेहौर राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस शामिल थे, संविधान के हर पन्ने को सजाया था।
- संविधान की लंबाई: भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें 117,369 शब्द हैं। वहीं, मोनाको का संविधान सिर्फ 3,814 शब्दों का है।
- संविधान की सुरक्षित प्रतियाँ: भारतीय संविधान की मूल प्रतियाँ संसद पुस्तकालय में हीलियम से भरे केसों में सुरक्षित रखी जाती हैं।
- संविधान की लागत: भारतीय संविधान को तैयार करने और प्रकाशित करने में कुल ₹6.4 मिलियन की लागत आई थी।
- संविधान का समय: भारतीय संविधान के अंतिम ड्राफ्ट को तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
- संविधान में संशोधन: संविधान के पहले ड्राफ्ट में 2,000 संशोधन किए गए थे, जिसके बाद अंतिम संस्करण को अंगीकृत किया गया।
- संविधान के अनुच्छेद: भारतीय संविधान में शुरुआत में 395 अनुच्छेद थे, जो 2021 तक बढ़कर 470 अनुच्छेद हो गए। इसे 25 भागों, 12 अनुशंसाओं और पांच परिशिष्टों में बांटा गया।
- 1935 का शासन: भारतीय संविधान ने 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट को प्रतिस्थापित किया, जिससे भारत का संक्रमण डोमिनियन ऑफ इंडिया से गणराज्य भारत में हुआ।
Samvidhan Divas का महत्व
Samvidhan Divas केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह दिन हम सभी को भारतीय संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और सम्मान को पुनः याद दिलाता है। इस दिन हम संविधान निर्माताओं द्वारा किए गए योगदान को याद करते हैं, जिन्होंने हमें एक मजबूत और समृद्ध लोकतांत्रिक व्यवस्था दी।
भारतीय संविधान न केवल भारत के लोकतंत्र का आधार है, बल्कि यह देश की विविधता को एकजुट करने का कार्य भी करता है। यह संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व के सिद्धांतों पर आधारित जीवन जीने का अधिकार देता है।
Samvidhan Divas इस अवसर पर देशभर में सरकारी और शैक्षिक संस्थानों में विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिसमें संविधान के मूल अधिकारों और कर्तव्यों को समझाने के लिए विचार-विमर्श होते हैं। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में संविधान के प्रति जागरूकता और सम्मान का संचार करना है।
निष्कर्ष
Samvidhan Divas हमें भारतीय संविधान के महत्व और इसकी भूमिका को समझने का एक अवसर प्रदान करता है। इस दिन हम डॉ. बी.आर. अंबेडकर और उनके साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने हमें एक सशक्त और समृद्ध संविधान दिया। भारतीय संविधान के हर अनुच्छेद और धारा का पालन करना हम सभी का कर्तव्य है, ताकि हम अपने अधिकारों का सही उपयोग कर सकें और एक लोकतांत्रिक समाज की स्थापना में योगदान दे सकें।
Samvidhan Divas केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए यह याद रखने का दिन है कि हम भारतीय नागरिक होने के नाते एक मजबूत संविधान के तहत जीते हैं, जो हमारी न्याय, स्वतंत्रता और समानता की सुरक्षा करता है।
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