महाराष्ट्र मुख्यमंत्री Eknath Shinde का संकट: ऐतिहासिक चुनावी जीत के बाद का उलझाव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद, मुख्यमंत्री Eknath Shinde ने अपने समर्थकों से आग्रह किया है कि वे उनके सरकारी आवास ‘वर्षा’ के बाहर एकत्रित न हों। यह अपील ऐसे समय में आई है जब राज्य के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। यह दबाव सत्ताधारी गठबंधन में बंटवारे का कारण बन रहा है, जिससे मुख्यमंत्री पद के लिए एक सहमति तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है।
चुनावी जीत और मुख्यमंत्री पद का संकट
Eknath Shindeके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और शिंदे गुट की शिवसेना ने मिलकर महायुति (Mahayuti) गठबंधन बनाया था और 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीटों के साथ धमाकेदार जीत हासिल की। हालांकि, इस ऐतिहासिक जीत के बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बना हुआ है। Eknath Shinde ने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा, “हमारा गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ा था और आज भी हम एक साथ हैं। महायुति के द्वारा सरकार फिर से बनाई जाएगी।” उन्होंने कहा कि उनके समर्थन में कोई भी व्यक्ति उनके सरकारी आवास या अन्य जगहों पर एकत्र न हो।
भाजपा का दबाव और मुख्यमंत्री पद का मुद्दा
भा.ज.पा. ने 235 सीटों में से 132 सीटें जीती हैं, और अब पार्टी के विधायक मुख्यमंत्री पद पर अपने नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम प्रस्तावित कर रहे हैं। फडणवीस को पार्टी के एक मजबूत और वरिष्ठ नेता के रूप में देखा जाता है। हालांकि, शिंदे के समर्थक यह मानते हैं कि मुख्यमंत्री पद पर उनका अधिकार बनता है, क्योंकि जीत उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण संभव हो पाई। शिंदे के नेतृत्व में ही महायुति को इतनी बड़ी सफलता मिली है, इसलिए उनके समर्थकों का तर्क है कि शिंदे को मुख्यमंत्री रहना चाहिए।
Eknath Shinde का संदेश
मुख्यमंत्री Eknath Shinde ने कहा, “मेरे प्रति प्रेम में कुछ लोग मुंबई आने का आह्वान कर रहे हैं। मैं आपके प्रेम के लिए आभारी हूं, लेकिन मैं आपसे अपील करता हूं कि आप मेरे समर्थन में इस तरह एकत्रित न हों।” शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका सरकार बनाने में कोई दबाव नहीं है और महायुति ने एक साथ चुनाव लड़ा था, इसलिए सरकार भी एकजुट होगी।
महायुति गठबंधन और सीटों का वितरण
महायुति में भाजपा के अलावा अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा (NCP) और Eknath Shinde के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल हैं। राकांपा ने 41 सीटें जीतीं, जबकि शिंदे की शिवसेना ने 57 सीटों पर विजय प्राप्त की। इस गठबंधन में सीटों का बंटवारा एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है, क्योंकि यह तय करना अभी बाकी है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा — क्या शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना का नेतृत्व जारी रहेगा, या फिर भाजपा का दबदबा बढ़ेगा।
देवेंद्र फडणवीस का नाम प्रमुख
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम लगातार प्रस्तावित कर रहे हैं। फडणवीस वर्तमान में उपमुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत हैं और पार्टी में उनकी छवि एक सक्षम नेता की रही है। लेकिन शिंदे के समर्थक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि महायुति की भारी जीत उनके नेतृत्व में ही संभव हो पाई है, और इस लिहाज से उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावा मजबूत है।
शिंदे का नेतृत्व और भविष्य
Eknath Shinde ने महायुति को सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की थी, और उनकी नेतृत्व शैली ने राज्य में एक नई राजनीतिक दिशा दी है। शिंदे के समर्थक उनकी पार्टी के नेतृत्व में होने के कारण भाजपा से भी उन्हें सहयोग प्राप्त होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा के कुछ विधायक फडणवीस को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं, जिससे गठबंधन में तनातनी का माहौल बना हुआ है।
क्या होगा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का भविष्य?
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का फैसला कुछ दिन और टल सकता है। इस समय, भाजपा और शिंदे गुट के नेताओं के बीच आपसी सहमति का अभाव है, और कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा अपने विधायक वर्ग के दबाव को देखते हुए फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाएगी, या फिर शिंदे को ही अपना नेतृत्व जारी रखने का अवसर मिलेगा।
इस संकट के बीच, Eknath Shinde का संदेश स्पष्ट है — उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार के अनावश्यक आंदोलन से बचने की अपील की है। यह स्थिति अब पूरी तरह से महायुति गठबंधन के अंदर चल रही बातचीत और सहमति पर निर्भर करेगी।
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