Vinesh Phogat ने किया कमाल
भारतीय महिला पहलवान Vinesh Phogat ने मंगलवार को अपने अद्वितीय प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में जापान की मौजूदा चैंपियन यूई सुसाकी को हराकर पहले क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, और फिर यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। अब विनेश पदक से मात्र एक जीत दूर हैं।
मुकाबलों का विवरण
पहला मुकाबला: यूई सुसाकी के खिलाफ
Vinesh Phogat ने पहले जापान की चार बार की विश्व चैंपियन और मौजूदा स्वर्ण पदक विजेता यूई सुसाकी को 3-2 से हराया। यह सुसाकी की अंतरराष्ट्रीय करियर में पहली बड़ी हार थी, जो विनेश की उपलब्धि को और भी महत्वपूर्ण बनाती है। सुसाकी ने अपने करियर में सिर्फ तीन मैच हारे थे और विनेश ने उन्हें चौथा मैच हराया। सुसाकी ने टोक्यो Olympics में स्वर्ण पदक जीता था और पूरे टूर्नामेंट में एक भी अंक नहीं गंवाया था।
दूसरा मुकाबला: ओक्साना लिवाच के खिलाफ
Vinesh Phogat ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को 7-5 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। विनेश ने पूरे मुकाबले में अपना दबदबा बनाए रखा और शानदार प्रदर्शन किया। इस जीत के साथ विनेश अब सेमीफाइनल में पहुंच गई हैं और पदक के और करीब आ गई हैं।
विनेश का सफर और चुनौतियाँ
Vinesh Phogat का ओलंपिक सफर हमेशा से चुनौतियों से भरा रहा है। टोक्यो ओलंपिक में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, लेकिन पेरिस खेलों की तैयारी के दौरान उन्होंने दृढ़ संकल्प लिया कि वह इस बार बेहतर करेंगी। उन्होंने अपनी टीम से कहा था, “कुछ भी करना पड़े, मैं इस ओलंपिक पदक को जाने नहीं दूंगी।”
विनेश ने अपने पसंदीदा वर्ग 53 किग्रा से नीचे 50 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने का निर्णय लिया। पहले राउंड में उन्होंने सधी हुई शुरुआत की और यूई सुसाकी के खिलाफ दो अंक हासिल कर मुकाबला अपने नाम किया।
🇮🇳🔥 𝗔𝗻𝗼𝘁𝗵𝗲𝗿 𝘁𝗼𝗽 𝘄𝗶𝗻 𝗳𝗼𝗿 𝗩𝗶𝗻𝗲𝘀𝗵 𝗣𝗵𝗼𝗴𝗮𝘁! Vinesh Phogat was brilliant once again, defeating Oksana Livach in the quarter-final in the women’s freestyle 50kg category. Oksana applied pressure on Vinesh in the last minute but Vinesh Phogat showed her class… pic.twitter.com/QhZ4AFRRUr
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 6, 2024
विनेश की प्रेरणादायक यात्रा
Vinesh Phogat ने पिछले कुछ समय में कई कठिनाइयों का सामना किया है। वह भारतीय खेलों में ‘मी टू’ आंदोलन का चेहरा बनीं और बृजभूषण पर अपने हमले में अडिग रहीं। उन्हें सड़कों पर घसीटा गया और हरिद्वार में बहती गंगा के किनारे बैठकर अपने पदक फेंकने की धमकी देने की नौबत आ गई। जब उन्हें ओलंपिक की तैयारी करनी चाहिए थी, तब वे ‘न्याय’ पाने के लिए संघर्ष कर रही थीं।
जंतर मंतर विरोध के दिनों में यह कल्पना करना कठिन था कि विनेश के पास पेरिस के लिए क्वालीफाई करने का मौका होगा। लेकिन उन्होंने न केवल क्वालीफाई किया, बल्कि अपनी अद्वितीय प्रतिभा और मेहनत से सभी को चौंका दिया। वजन कम करने के लिए उन्होंने असंभव हद तक प्रयास किया और ट्रायल में अपने प्रतिद्वंद्वियों से आसानी से आगे निकल गईं।
आगे की राह
विनेश फोगट अब सेमीफाइनल में हैं और पूरे देश की उम्मीदें उन पर टिकी हैं। उनके कोच और टीम ने उनके इस सफलता पर खुशी जाहिर की है और अब सेमीफाइनल के लिए रणनीति बना रहे हैं। विनेश का लक्ष्य अब फाइनल में पहुँचकर स्वर्ण पदक जीतना है।
विनेश फोगट की यह जीत भारतीय खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनके अद्वितीय प्रदर्शन और संघर्ष की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समर्पण और मेहनत से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। अब सभी की निगाहें उनके सेमीफाइनल मुकाबले पर हैं, और पूरा देश उनके लिए शुभकामनाएँ भेज रहा है।
मुकाबले का विवरण
मुकाबले की शुरुआत से ही दोनों पहलवानों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला। यूकि योशीद ने शुरुआत में बढ़त बनाई, लेकिन विनेश ने अपनी तेज़ी और ताकत से जवाब दिया। उन्होंने कुश्ती के प्रत्येक राउंड में बेहतर प्रदर्शन किया और योशीद के प्रत्येक मूव का बेहतरीन जवाब दिया। अंतिम राउंड में विनेश ने निर्णायक बढ़त हासिल की और मुकाबला 6-4 से अपने नाम किया।
विनेश का सफर
Vinesh Phogat का सफर हमेशा से प्रेरणादायक रहा है। हरियाणा के छोटे से गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने वाली विनेश ने कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना किया है। उन्होंने 2018 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और अब एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
सेमीफाइनल की तैयारी
अब विनेश सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी हैं और उनकी नज़रें फाइनल पर हैं। सेमीफाइनल में उनका मुकाबला किससे होगा, यह अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन विनेश ने कहा है कि वह पूरी तरह से तैयार हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य हमेशा से स्वर्ण पदक रहा है और मैं इसके लिए पूरी मेहनत करूंगी।
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