Uttar Pradesh flood: UP के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति: अधिकारियों द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी
Uttar Pradesh flood: UP में जारी भारी बारिश के कारण 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण वाराणसी और अन्य प्रमुख शहरों के घाटों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। प्रशासन ने इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राहत कार्य तेज कर दिए हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिशा-निर्देशों पर राज्य सरकार के मंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
वाराणसी में स्कूलों की छुट्टी:
वाराणसी के जिला शिक्षा अधिकारी ने घोषणा की कि बाढ़ जैसी स्थिति के कारण 5 और 6 अगस्त को सभी बोर्डों के स्कूल बंद रहेंगे। यह निर्णय शहर में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए लिया गया। वाराणसी के नयम घाट और अन्य क्षेत्रों से बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण स्कूलों को बंद करने की आवश्यकता पड़ी। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
Uttar Pradesh flood 13 जिलों में बाढ़:
Uttar Pradesh flood: उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों को बहुत नुकसान हो रहा है। जहां गंगा नदी के जलस्तर ने खतरे का निशान पार कर लिया है, वहीं यमुना नदी का जलस्तर भी आपातकालीन सीमा को पार कर चुका है। इसके अलावा, अन्य नदियां भी उफान पर हैं। अधिकारियों ने इन जिलों में बचाव कार्य और राहत वितरण सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ और अन्य राहत टीमों को तैनात किया है।
बाढ़ प्रभावित जिलों में मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया, और बांदा जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। इन जिलों में जलभराव से कई गांवों और कस्बों में घरों में पानी भर गया है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, पानी और चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
राहत और बचाव कार्य:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से प्रभावित सभी जिलों में राहत कार्य को प्राथमिकता देने का आदेश दिया है। राज्य के विभिन्न मंत्रियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली। मंत्री सुरेश खन्ना और अनिल राजभर ने वाराणसी में बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण किया और बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की।
बाढ़ प्रभावित गांवों में स्थिति:
प्रयागराज जिले में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यहां के कच्छा देरा गांव में बाढ़ का पानी घुसने से स्थानीय निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने वहां के ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासन से गांवों में सूखा राशन और पशुओं के लिए चारा सुनिश्चित करने की बात भी की।
जल शक्ति मंत्री की टिप्पणियां:
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और राज्य मंत्री संजय गंगवार ने कापली, जालौन के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां के बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के साथ बातचीत की और प्रशासन से स्थिति को जल्द से जल्द संभालने की अपील की।
Uttar Pradesh flood: नियंत्रण के लिए किए गए उपाय:
जिला प्रशासन और एनडीआरएफ ने बाढ़ नियंत्रण और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि आवश्यकतानुसार नावों की सुविधा उपलब्ध कराई जाए और बाढ़ के कारण प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं बिना रुकावट के जारी रहें।
जनता के लिए सलाह:
पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए, अधिकारियों ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और बाढ़ के पानी से दूर रहें। सभी ग्राम प्रधानों को उच्च स्तर पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि यदि कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो, तो तुरंत कदम उठाए जा सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि राहत कार्य में कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए और पूरी पारदर्शिता और मानवीय संवेदनशीलता के साथ बाढ़ राहत कार्य किए जाएं।
निष्कर्ष:
Uttar Pradesh flood: उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर हो रही है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है। हालांकि, अभी भी कई जिलों में बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है, और प्रशासन अपनी पूरी क्षमता से बाढ़ प्रभावित नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है।
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