UPPSC Protest: प्रयागराज में छात्रों पर एक्शन, जानें सरकार का दावा

UPPSC Protest

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ छात्रों के आंदोलन ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। UPPSC Protest का मुद्दा अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है, जहां छात्रों का प्रदर्शन जारी है और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी आंदोलन में कोई कमी नहीं आई है। इस विरोध प्रदर्शन में जहां एक तरफ छात्रों ने अपने हक की मांग की है, वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के बीच सोशल मीडिया पर सियासी बयानबाज़ी भी तेज हो गई है।

UPPSC Protest: छात्रों का आक्रोश और पुलिस की कार्रवाई

प्रयागराज में UPPSC के खिलाफ छात्रों के विरोध का माहौल गरमाता जा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों का आरोप है कि UPPSC की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और मानकीकरण के मुद्दों पर आयोग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, और आयोग की नीतियों ने उन्हें अपनी आजीविका के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया है। छात्रों के इस प्रदर्शन के बीच पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को हटाया, जिससे छात्रों में और आक्रोश फैल गया।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया: UPPSC Protest पर अखिलेश यादव और केशव मौर्य की बयानबाजी

छात्रों के विरोध प्रदर्शन के इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार छात्रों के भविष्य से खेल रही है। उन्होंने कहा कि UPPSC Protest में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार से भाजपा का असली चेहरा उजागर हो रहा है। अखिलेश ने कहा, “भाजपा का नौकरी विरोधी चेहरा अब सामने आ रहा है और छात्र इस खेल को भली-भांति समझ चुके हैं।”

केशव प्रसाद मौर्य का जवाब

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस विरोध प्रदर्शन को लेकर सख्त रुख अपनाया है और अखिलेश यादव पर पलटवार किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि भाजपा सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। केशव मौर्य ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा, “अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के काले कारनामे भूल चुके हैं और अब छात्रों की भावनाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं। भाजपा सरकार छात्रों की समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।”

मौर्य ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समर्पित है और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने दावा किया कि सपा का भविष्य समाप्तवादी पार्टी बनने की ओर बढ़ रहा है।

छात्रों की मांगें और विरोध के कारण

UPPSC Protest के तहत छात्र चाहते हैं कि UPPSC Protest भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाई जाए और मानकीकरण की समस्याओं का हल किया जाए। छात्रों का कहना है कि कई परीक्षाओं में परिणाम आने में देरी होती है, जिससे उनकी भविष्य की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। इसके अलावा, वे मानते हैं कि आयोग के कुछ निर्णय उनके लिए अन्यायपूर्ण हैं, जो उनके करियर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

छात्रों की यह भी मांग है कि आयोग की नीतियों में बदलाव कर परीक्षा प्रक्रिया को छात्रों के हित में बनाया जाए। उनका मानना है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार किए बिना उनकी समस्याएं हल नहीं हो सकती हैं और वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पुलिस की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया

प्रदर्शन के दौरान प्रयागराज में पुलिस ने छात्रों पर कार्रवाई की, जिसमें प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने के आरोप लगे। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर छात्रों में नाराज़गी है। कई छात्र संगठनों ने इसे अनुचित बताया और इसे आंदोलनकारियों की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।

UPPSC Protest का बढ़ता प्रभाव और भविष्य की दिशा

इस आंदोलन ने राज्य में एक बड़ी बहस को जन्म दिया है कि आखिरकार छात्रों की मांगों को कैसे पूरा किया जा सकता है। छात्र आंदोलन के कारण UPPSC Protest पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह अपनी भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए। वहीं, राजनीतिक दल इस मुद्दे को भुनाने में लगे हुए हैं और सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि वह छात्रों की मांगों को गंभीरता से ले।

निष्कर्ष

UPPSC Protest ने न केवल छात्रों के संघर्ष को उजागर किया है, बल्कि राज्य की सियासत में एक नई दिशा भी दी है। यह आंदोलन छात्रों की मेहनत, उनकी आकांक्षाओं और उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए चलाया जा रहा है। भाजपा सरकार के प्रति नाराज़गी को देखते हुए यह आंदोलन राजनीतिक दलों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। राज्य सरकार को छात्रों की मांगों को ध्यान में रखते हुए त्वरित और उचित कदम उठाने होंगे ताकि वे अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

ये भी देखें:

UPSC Hotspot: हर साल यहां से निकलते हैं 100+ IAS-IPS अधिकारी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *