Uttar Pardesh : उत्तर प्रदेश के 800 गांव भारी बारिश और नदियों के उफान से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस बाढ़ के कारण, दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पानी की ऊंचाई तीन फीट तक पहुंच गई है, जिससे यातायात में भारी बाधा उत्पन्न हुई है और कई वाहन फंस गए हैं।इसके अलावा, उत्तराखंड के बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन की घटनाएँ भी हुई हैं, जिससे यह मार्ग अवरुद्ध हो गया है और लगभग 4,000 तीर्थयात्री वहां फंस गए हैं। भूस्खलन के कारण मार्ग के कई हिस्सों में मलबा जमा हो गया है, जिससे आवाजाही में काफी कठिनाइयाँ हो रही हैं।
राहत और बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू किया है, और प्रयास किए जा रहे हैं कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। साथ ही, बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है ताकि वहां के निवासियों को आवश्यक सहायता मिल सके। राज्य सरकार ने इस स्थिति को संभालने के लिए विशेष उपाय किए हैं और लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है।
मुंबई में वर्षा के कारण, इंडिगो एयरलाइंस ने चेतावनी दी मुंबई में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण शहर के यातायात और विमानन सेवाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। विशेष रूप से, इंडिगो एयरलाइंस ने यात्रियों को सूचित किया है कि मुंबई में वर्तमान मौसम की स्थितियाँ उड़ानों में देरी का कारण बन सकती हैं।|
इंडिगो ने अपने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी फ्लाइट स्टेटस की जानकारी लगातार चेक करते रहें और विमानन कंपनी के मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर सूचना प्राप्त करें। यह भी सुझाव दिया गया है कि यात्री अतिरिक्त समय लेकर एयरपोर्ट पहुंचें, क्योंकि शहर में जलभराव और ट्रैफिक जाम के कारण यात्रा में अधिक समय लग सकता है।
मुंबई के कई इलाकों में जलजमाव की समस्या भी उत्पन्न हुई है, जिससे सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। लोकल ट्रेन सेवाएं भी इस बारिश से प्रभावित हुई हैं, जिससे दैनिक यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई भागों में और भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसलिए नागरिकों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्राएं टालने की सलाह दी गई है
शाहजहांपुर के 70 गांव जलमग्न : के शाहजहांपुर जिले में भारी बारिश के बाद नदियों का जल स्तर बढ़ने से 70 से अधिक गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस घटना के कारण सैकड़ों परिवारों को अपने घर छोड़कर ऊंची जगहों पर शरण लेनी पड़ी है। बाढ़ के पानी में कई घर, खेत और सड़कें डूब गई हैं, जिससे दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जहां प्रभावित लोगों को आश्रय, भोजन, पानी और मेडिकल सहायता प्रदान की जा रही है। बाढ़ के कारण स्कूलों और कई सरकारी भवनों को भी नुकसान पहुंचा है, और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्राओं से बचने का आग्रह किया है।
मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसके चलते जिले में आपातकालीन सेवाओं को उच्च अलर्ट पर रखा गया है, और नदी के किनारे रहने वाले लोगों को विशेष चौकसी बरतने के लिए कहा गया है।
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय नेताओं और समुदाय के सदस्यों ने भी आपसी सहयोग की अपील की है, और स्थानीय संगठनों तथा एनजीओ ने राहत माल का वितरण करने में मदद की है उत्तराखंड: बद्रीनाथ मार्ग पर भूस्खलन से यातायात ठप, लंबी कतारें : उत्तराखंड के बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाल ही में एक बड़े लैंडस्लाइड के कारण भारी यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस लैंडस्लाइड के फलस्वरूप, सड़क पर बड़ी मात्रा में मलबा जमा हो गया, जिससे वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रुक गया। इस घटना के कारण बद्रीनाथ यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों और अन्य यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
लैंडस्लाइड की घटना बारिश के कारण हुई, जिसने पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी को ढीला कर दिया। राजमार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो साझा किए, जिसमें लंबी गाड़ियों की कतारें और सड़क पर फैला मलबा दिखाई दे रहा था। स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं ने तत्काल मलबे को हटाने के लिए बचाव और राहत दलों को मौके पर भेजा।
इस घटना के मद्देनजर, उत्तराखंड सरकार और मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और अत्यधिक जरूरी न होने पर यात्रा न करने की सलाह दी है। साथ ही, बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को अपनी यात्रा योजना में बदलाव करने की सलाह दी गई है।
इस बीच, सड़कों की मरम्मत और मलबे की सफाई में समय लग सकता है, और प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सिफारिश की है ताकि यातायात की आवाजाही को सुचारू रूप से बहाल किया जा सके। इसके अलावा, उत्तराखंड पुलिस ने भी यात्रियों को नियमित अपडेट प्रदान करने के लिए सक्रियता से काम किया है।
मध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने आगामी चार दिनों के लिए हल्की बारिश की संभावना जताई है। : इसके साथ ही, आज यानी शनिवार को राज्य के शिवपुरी, रीवा सहित आठ जिलों में विशेष रूप से बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यह अलर्ट मौसमी परिस्थितियों के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें निम्न दबाव के क्षेत्र और मॉनसूनी हवाओं की गतिविधियाँ शामिल हैं।
बारिश का यह अलर्ट विशेषकर उन जिलों के लिए है जहाँ कृषि कार्य जोरों पर हैं, और यह बारिश किसानों के लिए राहत भरी साबित हो सकती है। इस बारिश से खरीफ की फसलों के लिए आवश्यक नमी मिलेगी, जिससे फसलों की वृद्धि और विकास में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें, खासकर उन इलाकों में जहां भूस्खलन या जलभराव की संभावना हो सकती है। साथ ही, बाढ़ के प्रति भी सजग रहने की आवश्यकता है, क्योंकि अचानक और अत्यधिक बारिश से निचले इलाकों में जलजमाव हो सकता है।
मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को भी अलर्ट रहने के लिए कहा है ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके और लोगों को आवश्यक सहायता मुहैया कराई जा सके।