Today News Update : हाथरस में 121 लोगों की मृत्यु के मामले में साजिश की आशंका, सीएम योगी ने कहा- उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जांच करेंगे

Today News Hathras CM Yogi

New Delhi : सिकंदराराऊ क्षेत्र में हाल ही में हुई भीषण घटना में, सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान जबरदस्त भगदड़ मची। मंगलवार को इस दुर्घटना में 121 लोगों की जान चली गई और सौ से अधिक घायल हो गए। यह हादसा फुलरई मुगलगढ़ी में उस वक्त हुआ जब भोले बाबा सत्संग समाप्त करके बाहर निकल रहे थे। इस मामले में भोले बाबा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन उनके मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और कुछ अन्य सेवादारों पर मामला दर्ज किया गया है। आयोजकों ने जिस घटना के लिए 80,000 लोगों की अनुमति मांगी थी, उसमें बहुत अधिक भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण व्यवस्था बिगड़ गई और हादसा हो गया।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस का दौरा किया। उन्होंने जिला अस्पताल में भगदड़ में घायल हुए लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। इससे पहले, उन्होंने हाथरस पुलिस लाइन में अधिकारियों से मिलकर स्थिति की समीक्षा की थी। मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर के हाथरस पुलिस लाइन में उतरने के बाद वहां एक बैठक आयोजित की गई। प्रमुख सचिव मनोज कुमार, डीजीपी प्रशांत कुमार सहित राज्य सरकार के कई मंत्री पहले से ही हाथरस में मौजूद थे। अलीगढ़ के पोस्टमार्टम हाउस में मृतकों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। मंगलवार को ही मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी

घटना स्थल पर उपस्थित लोगों के अनुसार, सत्संग में लगभग एक लाख पच्चीस हजार लोग मौजूद थे। सत्संग के समाप्त होते ही सभी जल्दी से बाहर निकलना चाहते थे। गर्मी और उमस से भक्त काफी परेशान थे। इस दौरान, बाबा के काफिले को रास्ता देने के लिए श्रद्धालुओं को रोका गया था। सभी बाबा के दर्शन के लिए आतुर थे और उनकी गाड़ी की धूल को स्पर्श करना चाहते थे। ऐसे में पीछे से भीड़ का दबाव बढ़ता गया। सड़क के पास कीचड़ और गड्ढे के कारण, आगे खड़े लोग दबाव को सह नहीं पाए और गिरने लगे। खासकर महिलाएँ और बच्चे जमीन पर गिरे और उनके ऊपर से लोग गुजरते चले गए। जल्द ही चीख-पुकार मच गई और कई लोग बेहोश हो गए।
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मंगलवार को हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के प्रवचन के समय एक भयानक भगदड़ हो गई, जिसमें 116 लोगों की मौत हो गई। इस सत्संग में उपस्थित अधिकांश मृतक महिलाएं थीं। भोले बाबा के अनुयायी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से सत्संग में शामिल होने आए थे। भगदड़ की घटना के बाद, जगह-जगह पर जूते-चप्पल और व्यक्तिगत सामान बिखरे पड़े थे। आयोजन स्थल पर बिखरे पड़े छोटे बच्चों के दूध की बोतलें, टिफ़िन और कपड़ों से भरे बैग भी पाए गए।आगरा और अलीगढ़ मंडल की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी देर रात तक हाथरस व सिकंदराराऊ में बचाव और राहत कार्य में सक्रिय रहे। इस दौरान, वे घायलों को उचित चिकित्सा प्रदान करने, अपनों की खोज में भटक रहे लोगों की मदद करने और मृतकों के शवों को सम्मान के साथ उनके परिवारों को सौंपने की व्यवस्था में लगे रहे। इसी बीच, बारिश ने राहत कार्यों में व्यवधान डाला, लेकिन प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों की सहायता की कोशिश की

मैनपुरी और कासगंज से आये शव परिवहन
इस क्षेत्र में केवल दो शव परिवहन वाहन उपलब्ध थे। पोस्टमार्टम के पश्चात, शवों को परिजनों को सौंपने की आवश्यकता थी। इसके लिए, सीएमओ ने मैनपुरी और कासगंज के सीएमओ से संपर्क साधा और वहां से अतिरिक्त शव परिवहन वाहन मंगवाए। साथ ही, चार निजी वाहन और पांच एंबुलेंस भी शवों के परिवहन के लिए तैनात किए गए। सीएमओ के अनुसार, शाहजहांपुर और कासगंज से शवों को एंबुलेंस के जरिए उनके गंतव्य स्थल पर पहुँचाया गया
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