नोएडा-ग्रेटर नोएडा में भी दौड़ेंगी लोकल ट्रेनें, न्यू नोएडा आर्बिटल रेल कॉरिडोर को मिली हरी झंडी!

 Uttar Pradesh News : दादरी से खुर्जा तक नवीन नोएडा निवेश क्षेत्र (डीएनजी इन्वेस्टमेंट रीजन) की रेल संपर्कता प्रस्तावित है। दिल्ली के परिक्रमा मार्ग की भांति, पलवल से सोनीपत तक एक आर्बिटल रेल परियोजना का निर्माण होगा। इस परियोजना में यमुना प्राधिकरण, नवीन नोएडा, ग्रेटर नोएडा फेज-2, और दादरी क्षेत्र शामिल हैं। नवीन नोएडा में 4.8 किलोमीटर की आर्बिटल रेलवे नेटवर्क की सुविधा होगी। ग्रेटर नोएडा से लगभग 22 किलोमीटर दूरी पर आर्बिटल रेल मार्ग विस्तृत होगा। इस नेटवर्क को चोला से रूंधी तक फैली रेल लाइन के माध्यम से नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ा जाएगा, जिससे हवाई अड्डे की भी संपर्कता स्थापित होगी। दनकौर रेलवे स्टेशन से भी यह आर्बिटल रेल नेटवर्क जुड़ेगा। दादरी के नवीन बोड़ाकी क्षेत्र में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ संपर्कता प्रदान की जाएगी

मंगलवार को एनसीआर योजना बोर्ड की सभा में आर्बिटल रेल परियोजना के संबंध में अधिक विस्तृत जानकारी सामने आई। यह सभा मेरठ के कमिश्नर की प्रमुखता में आयोजित की गई थी। सभा का प्रमुख उद्देश्य इस परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट को तैयार करने हेतु आवश्यक नियमों और शर्तों को निर्धारित करना था। इस सभा में जिले की तीन प्राधिकरणों के अधिकारी भी उपस्थित थे। इस पूरी रेल नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 135 किलोमीटर होगी, जिसमें हरियाणा में 45 किलोमीटर और उत्तर प्रदेश में 90 किलोमीटर का नेटवर्क शामिल होगा।

सूत्रों के अनुसार, हालिया बैठक में एनसीआर और इसके आसपास के शहरों को इस नई रेल नेटवर्क के जरिए किस प्रकार जोड़ा जा सकता है, इस पर विचार-विमर्श किया गया। अब आगे इस परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। हरियाणा में आर्बिटल रेल नेटवर्क की योजना पर पहले से काम जारी है। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने 7 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को आर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए एक व्यवहार्यता अध्ययन का प्रस्ताव सौंपा था। अब उत्तर प्रदेश में भी तैयारियाँ शुरू होनी हैं, इसलिए व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए आवश्यक नियम और शर्तें तय की जानी हैं

न्यू नोएडा के मास्टर प्लान-2041 के ड्राफ्ट को अधिकारिक बोर्ड ने स्वीकृति दी है। अब इसे सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। सरकार द्वारा निर्धारित आवास आयोजन में परीक्षण किया जा रहा है। न्यू नोएडा का क्षेत्रफल लगभग 20 हजार हेक्टेयर होगा। इसमें सबसे अधिक 41 प्रतिशत जमीन उद्योगिक उपयोग के लिए और, 11.5 प्रतिशत आवासीय, 17 प्रतिशत हरित क्षेत्र और क्षेत्रीय, 15.5 प्रतिशत रोड, 9 प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत व्यावसायिक उपयोग के लिए निर्धारित किया गया है। विकास का योजना कैसे कार्यान्वित किया जाए, जमीन अधिग्रहण के खर्च का भुगतान और अन्य विविध मुद्दे अभी तय नहीं हुए हैं। सरकारी स्वीकृति के बाद, कार्य शीघ्र ही शुरू होगा।

अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों को भी रेल के माध्यम से आवागमन करने की सुविधा मिलने वाली है।

न्यू नोएडा आर्बिटल रेल कॉरिडोर को मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा को रेल लाइन से जोड़ा जाएगा।

यह रेल कॉरिडोर लगभग 90 किलोमीटर लंबा होगा और नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और न्यू नोएडा को जोड़ेगा।

इस परियोजना से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों को दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद और हरियाणा के फरीदाबाद जैसे शहरों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।

यह रेल कॉरिडोर न केवल यातायात को कम करेगा, बल्कि प्रदूषण को भी कम करने में मदद करेगा।

इस परियोजना की लागत लगभग 25,000 करोड़ रुपये है और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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