ED Raid Jharkhand News : (ईडी) की छापेमारी में झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के घर पर काम करने वाले एक कर्मचारी के पास से भारी मात्रा में नकदी मिली है।

Jharkhand News : झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के सहायक के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी कर 20 करोड़ रुपये नगद बरामद किए हैं। जांच एजेंसी ईडी ने मौके पर नोटों की गिनती के लिए कई मशीनें भी बुलाई हैं। ईडी अभी भी बरामद नकदी की गिनती कर रहा है। यह छापेमारी रांची में विभिन्न स्थानों पर की जा रही है। वीरेंद्र राम मामले में, झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू सहायक के पास भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है।

फरवरी 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के. राम को कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह आलमगीर आलम का पैसा है, किसी और का नहीं। गिनती 50 करोड़ से ऊपर जाएगी। हेमंत सोरेन जेल में हैं, यह एक सिंडिकेटेड क्राइम है। ये बांग्लादेशियों को बुलाकर यहां की जनसांख्यिकी बदल रहे हैं। झारखंड में अब राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प है

मीडिया सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि यह बरामद हुई भारी नकदी अवैध कमाई से संबंधित है। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में अपने चुनावी प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया था। उनकी रैली के कुछ दिनों बाद ही यह छापेमारी की गई, जिसमें इतनी बड़ी मात्रा में नकदी पाई गई।

जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष दिसंबर में झारखंड में भी विशाल मात्रा में नकदी जब्त की गई थी। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और व्यवसायी धीरज साहू के परिसरों से आयकर विभाग ने 350 करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि जब्त की थी। इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा था कि छापेमारी में जो नकदी मिली है, वह उनकी शराब निर्माण कंपनियों से संबंधित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शराब का व्यापार मुख्य रूप से नकद में होता है और इसका कांग्रेस पार्टी से कोई सम्बन्ध नहीं है।

 

आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के चार बार के विधायक हैं और वर्तमान में झारखंड सरकार में संसदीय कार्य व ग्रामीण विकास के मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व, आलमगीर आलम ने 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में सेवा की थी। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर सरपंच का चुनाव जीतकर प्रारंभ किया था। सन् 2000 में पहली बार विधायक बने और तब से अब तक वे चार बार इस पद पर निर्वाचित हो चुके हैं।

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