गाजियाबाद: हिंडन नदी में अचानक ही जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। जिसके कारण हिंडन नदी के कई गांव जलमग्न हो गए। फिलहाल साहिबाबाद इलाके के करहैड़ा गांव की स्थिति सबसे ज्यादा खराब नजर आ रही है, क्योंकि इस इलाके में नदी के किनारे यानी डूब क्षेत्र में बने मकानों में रह रहे लोग एकाएक बाढ़ आने से बेहद परेशान हैं। हालांकि, इसकी जानकारी जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो प्रशासनिक अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।
ऐसा ही नजारा दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र और साहिबाबाद इलाके में हिंडन नदी के किनारे बसे गांवों में भी दिखाई दे रहा है। खास तौर से डूब क्षेत्र में बनाए गए मकानों में रह रहे लोग हिंडन नदी में एकाएक बाढ़ आने के बाद इलाके में हुए जलभराव के बाद बेहद परेशान हैं। इतना ही नहीं लोगों को अपना घर छोड़कर भी जाना पड़ रहा है। हालांकि, एनडीआरएफ की टीम और प्रशासनिक अधिकारी राहत एवं बचाव कार्य में रात और दिन जुटे हुए हैं। स्थिति का जायजा लेने के लिए खुद एसडीएम विनय सिंह मौके पर ही मौजूद हैं। अचानक जिस तरह से हिंडन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी यहां की स्थिति और भी खराब हो सकती है, इसलिए डूब क्षेत्र के सभी मकानों में रह रहे सभी लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। इस इलाके में खुद एसडीएम विनय कुमार सिंह अपनी टीम के साथ देर रात से ही मौजूद हैं। वह खुद लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को उस इलाके से बाहर आने की अपील कर रहे हैं
अचानक हुए इस जलभराव के कारण सिटी फॉरेस्ट वाटिका में पक्षियों और खरगोशों को भी अपना आशियाना छोड़ना पड़ रहा है। यानी यहां पर मौजूद अधिकारी अब इन खरगोशों को डोनेट कर रहे हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि जो लोग खरगोश पालने के शौकीन हैं, वह यहां आकर खरगोश ले सकते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 65 खरगोश लोगों को दिए जा चुके हैं।