Nepal Buss Accident : नेपाल में एक भीषण लैंडस्लाइड की वजह से दो बसें नदी में गिर गईं, जिससे बड़ा हादसा हुआ है। इस घटना में 50 से अधिक यात्री लापता हो गए हैं, और ड्राइवर सहित सात भारतीयों की मृत्यु हो गई है। इस दुर्घटना के दौरान दो व्यक्तियों ने नदी में कूदकर अपनी जान बचाई। यह दुखद घटना नेपाल के पहाड़ी इलाके में हुई, जहां लैंडस्लाइड अक्सर होते रहते हैं, खासकर बारिश के मौसम में। रेस्क्यू टीमें लापता यात्रियों की तलाश में जुटी हैं, और चिकित्सा दल घायलों को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन तत्काल शुरू किया गया, जहां बचाव दलों ने कई घायलों को बचाया और निकटवर्ती अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा। खोजी टीमें अभी भी लापता यात्रियों की तलाश में जुटी हुई हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल सकें। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा दुख और चिंता की लहर फैला दी है, और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, बीरगंज से काठमांडू की ओर जा रही एक बस त्रिशूली नदी में जा गिरी, जिसके परिणामस्वरूप सात भारतीय यात्रियों की दुःखद मौत हो गई। नारायणघाट-काठमांडू मार्ग को पंद्रह दिनों के लिए यातायात के लिए बंद किया गया था, परंतु यातायात सेवाएं फिर भी संचालित हो रही हैं। नेपाल में हो रही अत्यधिक वर्षा के कारण विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन होने से कई मार्ग बाधित हो चुके हैं।
नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने चितवन जिले की दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। चितवन के जिला प्रमुख इंद्रदेव यादव ने ANI से फोन पर वार्ता में बताया कि भूस्खलन के कारण नदी में समाई बस काठमांडू की ओर जा रही थी, जिसमें 24 यात्री सवार थे। एक अन्य बस में 41 यात्री यात्रा कर रहे थे। प्रधानमंत्री दहल ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘नारायणगढ़-मुग्लिन सड़क पर भूस्खलन के कारण बस के बह जाने से और लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की खबर से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। मैंने सभी संबंधित एजेंसियों को यात्रियों की खोज और उन्हें सुरक्षित बचाने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर भारत के विभिन्न प्रदेशों में अत्यधिक वर्षा के कारण विपत्ति की घटनाएँ देखने को मिल रही हैं। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो सप्ताह के दौरान वर्षाजनित घटनाओं में 22 व्यक्तियों की जान गई है।उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड के अनेक क्षेत्रों में भारी बारिश ने लोगों के जीवन को कठिनाई में डाल दिया है। बिहार में नदियां अपने उच्चतम स्तर पर हैं। बाढ़ और आकाशीय बिजली की घटनाओं में हो रही मौतों का तांता लगा हुआ है।