Indian Markets Crash: 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, 8 अप्रैल को सुधार
भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर अस्थिरता देखी गई है। Indian markets crash के कारण निवेशकों के बीच घबराहट बढ़ गई। 7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, जो पिछले 10 महीनों में सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट थी। हालांकि, 8 अप्रैल 2025 को बाजार ने सुधार दिखाया और Sensex और Nifty दोनों ही ऊंचे स्तरों पर खुलने में सफल रहे। इस लेख में हम Indian markets crash की पूरी स्थिति का विश्लेषण करेंगे, साथ ही इस पर विभिन्न शेयरों और क्षेत्रों का प्रभाव भी देखेंगे।
8 अप्रैल 2025 का बाजार प्रदर्शन
8 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने कुछ सुधार दिखाया, जिससे Indian markets crash के बाद निवेशकों ने राहत की सांस ली। सुबह 9:15 बजे के आसपास BSE Sensex में 1,141.14 अंकों की वृद्धि देखी गई, जो 1.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी, और Sensex ने 74,279.04 का स्तर छुआ। इसी प्रकार, NSE Nifty में भी 401.10 अंकों की बढ़त दर्ज की गई, जो 1.81 प्रतिशत की वृद्धि थी, और यह 22,562.70 पर पहुंच गया।
इस सुधार के बावजूद, बाजार की अस्थिरता बनी रही, और विशेषज्ञों ने Indian markets crash को लेकर चेतावनी दी कि आने वाले समय में उच्च अस्थिरता बनी रह सकती है।
Sensex और Nifty के प्रमुख स्टॉक्स में बदलाव
8 अप्रैल को बाजार में Sensex stocks में मिश्रित प्रदर्शन देखने को मिला। Tata Steel ने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, जो 4.98 प्रतिशत बढ़कर ₹136.05 पर पहुंच गया। इसके बाद Titan Company ने 4.71 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई और ₹3,166.05 पर कारोबार किया। Tata Motors भी 3.48 प्रतिशत बढ़कर ₹600 पर ट्रेड कर रहा था।
हालांकि, Sun Pharmaceutical Industries एकमात्र Sensex stock था, जो गिरावट में था। इसने 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ ₹1,662.75 पर ट्रेड किया।
Nifty सेक्टोरल इंडेक्स का प्रदर्शन
Nifty sectoral indices में भी मिश्रित प्रदर्शन देखा गया। Consumer Durables Index ने 3.25 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की, और यह 35,112.40 पर पहुंच गया। इसके बाद Nifty Metal ने 2.99 प्रतिशत की वृद्धि देखी, जो 8,080.90 पर पहुंच गया। Nifty Realty ने भी 2.42 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 795 का स्तर छुआ।
7 अप्रैल 2025 का बाजार प्रदर्शन (Indian Markets Crash)
7 अप्रैल को Indian markets crash के कारण निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। उस दिन BSE Sensex 2,226.79 अंकों की गिरावट के साथ 73,137.90 पर बंद हुआ, जो 2.95 प्रतिशत की गिरावट थी। Nifty भी 742.85 अंकों की गिरावट के साथ 22,161.60 पर बंद हुआ, जो 3.24 प्रतिशत की गिरावट थी।
Sensex stocks में सबसे बड़ी गिरावट Tata Steel में देखी गई, जो 7.73 प्रतिशत गिरकर ₹129.60 पर बंद हुआ। इसके बाद Larsen & Toubro ने 5.78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जो ₹3,070.85 पर बंद हुआ। Tata Motors भी 5.54 प्रतिशत गिरकर ₹579.85 पर बंद हुआ।
Nifty sectoral indices में सबसे बड़ी गिरावट Nifty Metal Index में देखी गई, जो 6.75 प्रतिशत गिरकर ₹7,846.35 पर बंद हुआ। इसके बाद Nifty Realty 5.69 प्रतिशत गिरकर ₹776.20 पर बंद हुआ, और Nifty Media 3.94 प्रतिशत गिरकर ₹1,429.90 पर बंद हुआ।
गिरावट के कारण
Indian markets crash का मुख्य कारण अमेरिकी trade tariffs और geopolitical tensions थे। अमेरिका द्वारा व्यापार शुल्क में वृद्धि की संभावना ने निवेशकों को बेचने पर मजबूर किया। इसके अतिरिक्त, Foreign Institutional Investors (FIIs) द्वारा भारी बिकवाली का दबाव भी था। FIIs ने ₹9,040.01 करोड़ मूल्य के शेयर बेचे, जबकि Domestic Institutional Investors (DIIs) ने ₹12,122.45 करोड़ के शेयर खरीदे।
इन परिस्थितियों में Indian markets crash का प्रभाव भारत के प्रमुख उद्योगों पर भी पड़ा, खासकर pharmaceuticals और automobiles जैसे क्षेत्रों में।
निवेशकों की स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
Indian markets crash के बावजूद, भारतीय शेयर बाजार में सुधार की संभावना बनी हुई है। बाजार के भीतर अस्थिरता और उच्च volatility बनी रहेगी, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। Nifty और Sensex दोनों ही अभी भी महत्वपूर्ण मूविंग एवरेजेस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं, जो कि सकारात्मक संकेत है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर Indian markets ने 23,300–23,400 के स्तर को बनाए रखा, तो एक नई bullish गति प्राप्त हो सकती है। हालांकि, अगर यह स्तर टूटता है तो भारी बिकवाली हो सकती है, और निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
भारतीय बाजारों में निवेश पर विशेषज्ञ की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि Indian markets crash के बाद उच्च अस्थिरता के बावजूद, कुछ प्रमुख शेयरों में सुधार देखने को मिल सकता है। विशेष रूप से Tata Steel, Tata Motors, और Titan Company जैसे स्टॉक्स ने हाल ही में अच्छे प्रदर्शन का संकेत दिया है। Metal और Consumer Durables जैसे क्षेत्र भी दीर्घकालिक निवेश के लिए अच्छे अवसर प्रदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
Indian markets crash के बाद भारतीय शेयर बाजार ने सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। 8 अप्रैल को Sensex और Nifty दोनों में उछाल आया, लेकिन बाजार में अस्थिरता और high volatility बनी हुई है। निवेशकों को आने वाले दिनों में Indian markets crash के दौरान सतर्क रहना होगा और अपने निवेश को समझदारी से निर्धारित करना होगा। Nifty और Sensex के तकनीकी संकेतों से यह संकेत मिलता है कि अगर इन स्तरों पर बाजार स्थिर रहता है, तो आगे सकारात्मक रुझान बन सकता है।
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