New Delhi : मौसम संबंधी अधिकारियों ने एक चेतावनी जारी की है। लगता है कि सर्दी फिर से वापस आने वाली है। यह सब मौसम में होने वाले परिवर्तनों के कारण होगा। इस हफ्ते, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के इलाके में मौसम में कई बदलाव आएंगे। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाकों के पास के क्षेत्रों सहारनपुर, बिजनौर, और शामली पर पड़ेगा, साथ ही एनसीआर के मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, और मेरठ जैसे शहरों पर भी। यहां घने कोहरे के साथ तेज़ हवाएँ और तूफानी बारिश होने की संभावना है।
इस सप्ताह की शुरुआत, यानी सोमवार से लेकर बुधवार तक, मौसम में मामूली परिवर्तन का अनुभव किया जाएगा। आसमान में बादलों की आवाजाही रहेगी और सर्द हवाएं चलती रहेंगी, जिससे रात के समय का न्यूनतम तापमान कम हो जाएगा। बुधवार के पश्चात्, कोहरे के घने पर्दे बिछने की संभावना है। मेरठ के कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम शास्त्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस पूरे हफ्ते मौसम की गतिविधियां अनिश्चित रहेंगी। सूरज की रोशनी और बादलों की छाया में लुका-छिपी जारी रहेगी। इसके कारण सेहत पर प्रभाव पड़ने की आशंका है, खासकर बच्चों को संभाल कर रखने की जरूरत है। शुक्रवार तक मौसम में और अधिक परिवर्तन आने की संभावना है, और उसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में और अधिक कमी आएगी। किसानों के लिए भी यह मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि तेज हवाएं फसलों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
फरवरी का महीना मौसम की अनिश्चितताओं से भरा रहा। महीने के प्रारंभ में, जहाँ एक ओर सर्दी के मौसम की विदाई होती प्रतीत हो रही थी, वहीं अगले ही क्षण मौसम ने अपना रुख बदल लिया और ठंडक ने फिर से दस्तक दे दी। इसके बाद, मौसम ने एक बार फिर करवट ली और गर्मी के संकेत देने लगा, परन्तु यह भी क्षणिक था। फरवरी के दौरान, इस प्रकार के बदलावों का सिलसिला जारी रहा, जिससे मौसम की अस्थिरता का पता चलता है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो मार्च के अंत तक मौसम में कुछ स्थायित्व की आशा है। इस अवधि में, विशेषकर बच्चों और वरिष्ठजनों की सेहत का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस तरह के मौसमी बदलाव उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
इस रविवार को पारा 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि सामान्य स्तर से एक डिग्री ज्यादा है। सुबह का तापमान 8.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो कि सामान्य से चार डिग्री ऊपर था। वातावरण में आर्द्रता का प्रतिशत 29 से बढ़कर 92 तक रहा। सुबह का मौसम खुला और साफ था, और सुबह आठ बजे के आसपास सूर्य की किरणें फैलने लगीं। सुबह 10 बजे तक सूरज की तपिश में वृद्धि हुई। हालांकि, दोपहर में मौसम में एक परिवर्तन आया और बादलों ने आकाश को ढक लिया, जिससे तेज धूप से राहत मिली और हवाएँ चलने लगीं। इस परिवर्तन के कारण, शाम का समय भी बेहद खुशनुमा बीता।
आने वाले सोमवार को, दिनभर आसमान में बादलों की आवाजाही रहेगी। रात के वक्त कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है। इस दिन, पारा अधिकतम 26 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है। 27 फरवरी से लेकर 29 फरवरी के मध्य, आकाश में बादल छिटपुट रूप से नजर आएंगे, जिस दौरान तापमान 26 से 27 डिग्री के बीच में और रात का न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री के मध्य में रहने का अनुमान है। मार्च के पहले दिन, बादलों की घनता में वृद्धि होगी और तापमान में भी थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, जिसमें अधिकतम तापमान 28 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक पहुंच सकता है। 2 मार्च को, हल्की वर्षा के साथ-साथ आंधी आने की भी आशंका है, इस दिन अधिकतम तापमान 27 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक रह सकता है
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, 26 फरवरी को पश्चिमी हिमालय पर एक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव दिखाई देगा। इसके परिणामस्वरूप, 27 फरवरी तक के दिनों में हल्की वर्षा और हिमपात की आशंका है। इसके आगे भी, 29 फरवरी को इसी प्रकार का एक और पश्चिमी विक्षोभ इस क्षेत्र में सक्रिय होने की उम्मीद है, जिससे 1 से 4 मार्च के बीच हिमालय और आस-पास के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और हिमपात होने की संभावना है। खासतौर पर 2 और 3 मार्च को मौसमी गतिविधियां अधिक सक्रिय रहेंगी। इसी समय, अरब सागर से आने वाली नमी युक्त हवाएं उत्तर-पश्चिमी भारत की ओर बढ़ेंगी, जिसके कारण 3 मार्च को हिमालयी क्षेत्र में अधिक तीव्र बारिश और हिमपात की स्थिति बन सकती है