Chhagan Bhujbal News: मंत्री न बनने की 4 बड़ी वजह आईं सामने

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Chhagan Bhujbal News: महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल न होने की वजहें

महाराष्ट्र की राजनीति में छगन भुजबल का नाम एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। लेकिन हाल ही में, Chhagan Bhujbal News सुर्खियों में है क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र कैबिनेट में जगह नहीं मिली। एनसीपी नेता छगन भुजबल और उनके समर्थकों की नाराजगी इस फैसले को लेकर स्पष्ट है। इस लेख में, हम छगन भुजबल को कैबिनेट में शामिल न किए जाने के पीछे की चार प्रमुख वजहों को विस्तार से जानेंगे।


1. बेटे को विधान परिषद में उतारने से नाराजगी

Chhagan Bhujbal News के अनुसार, पहली वजह यह थी कि छगन भुजबल ने अपने बेटे पंकज भुजबल को विधान परिषद में विधायक पद के लिए जबरन उतारा।

  • एनसीपी के वरिष्ठ नेता इस निर्णय से सहमत नहीं थे।
  • पार्टी के भीतर इसे परिवारवाद का उदाहरण माना गया, जिससे नाराजगी बढ़ी।

2. पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ काम करना

दूसरी वजह यह बताई गई कि छगन भुजबल ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया।

  • एनसीपी के नेताओं ने आरोप लगाया कि भुजबल ने पार्टी उम्मीदवारों को हराने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विरोध किया।
  • यह कदम पार्टी अनुशासन के खिलाफ माना गया।

3. निर्दलीय चुनाव लड़ना

तीसरी वजह उनके भतीजे समीर भुजबल से जुड़ी है।

  • समीर भुजबल ने एनसीपी के खिलाफ जाकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा।
  • यह कदम महायुति गठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।

4. नासिक जिले के विधायकों का विरोध

चौथी और सबसे महत्वपूर्ण वजह नासिक जिले के विधायकों का विरोध था।

  • नासिक जिले के सभी विधायकों ने अजित पवार को साफ तौर पर कहा कि यदि छगन भुजबल को मंत्री पद दिया गया, तो वे इस्तीफा दे देंगे।
  • विधायकों का यह कदम महायुति सरकार के लिए अस्थिरता ला सकता था।

Chhagan Bhujbal का राजनीतिक सफर

Chhagan Bhujbal News में उनके लंबे और प्रभावशाली राजनीतिक सफर का जिक्र करना भी जरूरी है।

  1. 1999-2003:
    • महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम।
  2. 2009-2010:
    • दूसरी बार डिप्टी सीएम के रूप में कार्यभार संभाला।
  3. 2010-2014:
    • पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार में पब्लिक वर्क्स और पर्यटन विभाग।
  4. 2019-2022:
    • उद्धव ठाकरे की सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री।
  5. 2022-2023:
    • एकनाथ शिंदे की सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री।

भुजबल ने कई महत्वपूर्ण विभागों में अपनी सेवा दी है और महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी गहरी पकड़ रही है।


एनसीपी और महायुति में तनाव

Chhagan Bhujbal News के अनुसार, एनसीपी के भीतर चल रहे विवाद और महायुति के सहयोगी दलों में तनाव ने इस फैसले को और मुश्किल बना दिया।

  • अजित पवार गुट और एनसीपी के बीच मतभेद।
  • महायुति गठबंधन में प्रत्येक दल अपनी शक्ति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

छगन भुजबल और उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया

कैबिनेट में जगह न मिलने पर छगन भुजबल और उनके समर्थकों ने नाराजगी जाहिर की है।

  • भुजबल ने सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन उनके समर्थकों ने इसे “अनुचित” करार दिया।
  • समर्थकों ने मांग की है कि पार्टी को उनके योगदान और अनुभव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

राजनीतिक विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भुजबल को कैबिनेट में शामिल न करने का फैसला महायुति गठबंधन में संतुलन बनाए रखने के लिए लिया गया।

  • अजित पवार गुट और अन्य विधायकों के बीच सामंजस्य जरूरी था।
  • भुजबल के पिछले कुछ विवादास्पद निर्णयों ने भी उनके खिलाफ माहौल बनाया।

भविष्य की संभावनाएं

Chhagan Bhujbal News के अनुसार, भुजबल के राजनीतिक करियर पर इस फैसले का प्रभाव पड़ सकता है।

  • भुजबल अभी भी महाराष्ट्र की राजनीति में एक मजबूत नेता हैं।
  • यदि पार्टी उन्हें महत्व नहीं देती है, तो वे भविष्य में अलग रास्ता अपना सकते हैं।

निष्कर्ष

Chhagan Bhujbal News ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में गहमागहमी बढ़ा दी है। भुजबल को कैबिनेट में जगह न मिलना न केवल एनसीपी के भीतर का मामला है, बल्कि यह महायुति सरकार के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण संकेत है।

महाराष्ट्र की राजनीति में छगन भुजबल का योगदान और अनुभव किसी से छिपा नहीं है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एनसीपी और महायुति गठबंधन इस विवाद को कैसे संभालते हैं और भुजबल के राजनीतिक भविष्य को क्या दिशा मिलती है।

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