Champions Trophy 2025: भारत का पाकिस्तान दौरा सवालों के घेरे में
Champions Trophy 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को सौंपी गई है, लेकिन इस बड़े टूर्नामेंट को लेकर विवाद और अटकलें तेज हो गई हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारतीय क्रिकेट टीम टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगी या नहीं। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है, जिससे इस बहस को और हवा मिली है।
शोएब अख्तर का बड़ा बयान
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में शोएब अख्तर ने कहा कि भारतीय टीम का पाकिस्तान दौरा पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर निर्भर करता है। उनका मानना है कि इस मुद्दे का बीसीसीआई (BCCI) से सीधा कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा:
“यह सरकार पर निर्भर करता है। इसका बीसीसीआई से कोई लेना-देना नहीं है। यह बीजेपी सरकार पर है। पर्दे के पीछे बातचीत होती रहती है, यहां तक कि युद्ध के दिनों में भी। हमें समाधान की उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।”
पाकिस्तान के लिए आर्थिक और छवि संबंधी चिंताएं
शोएब अख्तर ने Champions Trophy 2025 को लेकर दो मुख्य चिंताओं पर जोर दिया:
- आर्थिक नुकसान:
यदि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं आती है, तो पाकिस्तान और आईसीसी को $100 मिलियन (लगभग ₹830 करोड़) की स्पॉन्सरशिप का नुकसान होगा। - छवि का मुद्दा:
पाकिस्तान पर अक्सर यह आरोप लगता है कि वह बड़े टूर्नामेंट जैसे वर्ल्ड कप और Champions Trophy 2025 की मेजबानी करने में सक्षम नहीं है।
भारत के दौरे की संभावना
शोएब अख्तर ने कहा कि भारतीय टीम के दौरे की संभावना कम है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि आखिरी क्षण तक स्थिति में सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा:
“अगर आप अभी मुझसे पूछें, तो मैं कहूंगा कि भारत पाकिस्तान आएगा।”
हालांकि, यह साफ है कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय सरकार और उच्च स्तरीय वार्ताओं के बाद ही लिया जाएगा।
हाइब्रिड मॉडल पर चर्चा
2023 एशिया कप के दौरान हाइब्रिड मॉडल का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें कुछ मैच पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों में खेले गए थे। इसी तरह, Champions Trophy 2025 के लिए भी इस मॉडल पर विचार किया जा सकता है।
पाकिस्तान की मेजबानी पर सवाल
शोएब अख्तर ने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान को एक ऐसे देश के रूप में देखा जाता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े टूर्नामेंट होस्ट करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक गलत धारणा है और इसे बदलने की जरूरत है।
बीजेपी सरकार और BCCI की भूमिका
अख्तर ने सीधे तौर पर कहा कि बीसीसीआई केवल एक प्रबंधन संस्था है और इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय भारतीय सरकार का होगा।
- राजनीतिक कारक:
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। क्रिकेट के अलावा दोनों देशों के बीच अन्य राजनीतिक और कूटनीतिक मुद्दे भी इस फैसले को प्रभावित कर सकते हैं।
पिछले उदाहरण
भारत और पाकिस्तान ने द्विपक्षीय सीरीज लंबे समय से नहीं खेली है। दोनों टीमें केवल आईसीसी टूर्नामेंट जैसे वर्ल्ड कप और एशिया कप में आमने-सामने होती हैं।
- 2023 एशिया कप:
इस टूर्नामेंट में भारत ने पाकिस्तान जाकर खेलने से इनकार किया था और हाइब्रिड मॉडल अपनाया गया था। - आईसीसी टूर्नामेंट:
आईसीसी के नियमों के तहत, सदस्य देशों को टूर्नामेंट में भाग लेना होता है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा किChampions Trophy 2025 के लिए भारत क्या रुख अपनाता है।
Champions Trophy 2025: क्या हो सकता है आगे?
- हाइब्रिड मॉडल का विकल्प:
टूर्नामेंट को पाकिस्तान और एक अन्य देश (जैसे यूएई) में विभाजित किया जा सकता है। - आईसीसी का हस्तक्षेप:
आईसीसी दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकती है। - राजनीतिक बातचीत:
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक बातचीत से इस मुद्दे का समाधान हो सकता है।
निष्कर्ष
Champions Trophy 2025 को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ने टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। शोएब अख्तर का बयान इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय टीम का दौरा पूरी तरह से राजनीतिक निर्णय पर निर्भर करता है। हाइब्रिड मॉडल, आईसीसी का हस्तक्षेप और कूटनीतिक वार्ताएं इस मुद्दे को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
क्रिकेट हमेशा से दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग का माध्यम रहा है। उम्मीद है कि Champions Trophy 2025 इस परंपरा को जारी रखेगी।
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