Bahraich Violence: हत्या, पथराव और आगजनी से मचा हड़कंप

Bahraich Violence

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रविवार को हुए सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे जिले को हिला दिया। इस घटना के बाद बहराइच में हिंसा, पथराव और आगजनी की घटनाओं ने व्यापक आक्रोश और तनाव पैदा कर दिया। “Bahraich Violence” की शुरुआत महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के समय हुई, जब गाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि पथराव शुरू हो गया, जिसके बाद एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

“Bahraich Violence” की शुरुआत

महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन चल रहा था, तभी गाने को लेकर विवाद हुआ। एक समुदाय के लोगों ने विरोध किया और पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव के बाद पूजा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन करना शुरू किया। इसी दौरान रामगोपाल मिश्रा नामक युवक को दूसरे समुदाय के लोगों ने घर के अंदर घसीटकर गोली मार दी। इस हमले में रामगोपाल की मौत हो गई और उनके साथ गए राजन नामक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना के बाद पूरे जिले में भारी आक्रोश फैल गया। पूजा समिति के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने बहराइच-सीतापुर और बहराइच-लखनऊ हाईवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। “Bahraich Violence” का असर इतना व्यापक था कि कई स्थानों पर प्रतिमा विसर्जन रोक दिया गया।

पथराव और आगजनी की घटनाएं

“Bahraich Violence” के दौरान सिर्फ महराजगंज ही नहीं, बल्कि पूरे बहराइच जिले में पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। कई स्थानों पर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। शहर के अस्पताल चौराहे पर बैनर गिराकर आगजनी की गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। आग बुझाने पहुंचे दमकल कर्मियों पर भी पथराव किया गया, जिससे उन्हें वहां से भागना पड़ा। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

Bahraich Violence के दौरान पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब दूसरे समुदाय के लोग गाली-गलौज कर रहे थे, तब पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जब पथराव हुआ और पूजा समिति के लोगों ने विरोध किया, तो पुलिस ने उल्टा उन्हीं पर लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज के कारण भगदड़ मच गई और इसी बीच रामगोपाल को घर में घसीटकर गोली मार दी गई।

एसपी वृंदा शुक्ला और अन्य अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की। Bahraich Violence  के चलते महराजगंज कस्बे को सील कर दिया गया और दो प्लाटून पीएसी तैनात की गई। एसपी ने कहा कि घटना की जांच चल रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

घटना के बाद का माहौल


रामगोपाल की हत्या के बाद बहराइच जिले में तनाव का माहौल बन गया। उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के दौरान भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। लोग मेडिकल कॉलेज के बाहर जमा होकर नारेबाजी करने लगे और शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। महसी विधायक सुरेश्वर सिंह ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को शांत कराते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

पूरे जिले में Bahraich Violence  का असर दिखा। कई स्थानों पर प्रतिमा विसर्जन रोक दिया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील के बाद विसर्जन की प्रक्रिया शुरू की गई। विसर्जन के दौरान डीजे बजाने की अनुमति नहीं दी गई। लोगों का आरोप था कि पुलिस ने जल्दबाजी में विसर्जन का दबाव बनाया।

आरोपियों की गिरफ्तारी

इस सांप्रदायिक हिंसा के मुख्य आरोपी सलमान समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने 20 से 25 लोगों को हिरासत में लिया है। पूजा समिति के सदस्य लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। देर रात तक सड़कों पर आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर नारेबाजी होती रही।

Bahraich Violence  के पीछे का कारण

Bahraich Violence  की जड़ में गाने को लेकर हुआ विवाद था। जब महसी तहसील की प्रतिमा शांति पूर्वक विसर्जन के लिए जा रही थी, तभी महराजगंज कस्बे के निवासी अब्दुल हमीद और उनके बेटे सबलू, सरफराज व फहीम ने गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। जब प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने इसका विरोध किया, तो छतों से पथराव शुरू कर दिया गया। इसके बाद दोनों समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई।

पुलिस की कार्रवाई

Bahraich Violence  के बाद पुलिस और प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच की जा रही है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि स्थिति पर काबू पाने के लिए एडीजी जोन गोरखपुर और डीआईजी रेंज देवीपाटन को घटनास्थल पर भेजा गया है।

निष्कर्ष

Bahraich Violence  ने बहराइच जिले में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को जन्म दिया। इस हिंसा के दौरान एक युवक की हत्या और पथराव, आगजनी जैसी घटनाओं ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया। पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हुए हैं, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कदम उठाए गए हैं। घटना की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। Bahraich Violence  ने दिखाया कि सांप्रदायिक हिंसा कैसे शांति को भंग कर सकती है और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण होती है।

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