Haldwani Violence : उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार, एक नगर निगम ने एक ऐसा निर्देश जारी किया है जिससे उपद्रवियों को सरकारी कर्मचारियों और संपत्तियों पर हमला करने से पहले गहराई से विचार करना पड़ेगा। यह निर्देश बनभूलपुरा में पिछले गुरुवार को हुई एक घटना के परिप्रेक्ष्य में आया है, जहां हल्द्वानी नगर निगम के वाहनों को उपद्रवियों ने पत्थरबाजी करके क्षति पहुंचाई थी।
उस घटना के बाद, जिसमें उपद्रवियों ने कायरतापूर्ण कृत्य करते हुए वाहनों में आग लगा दी, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने अब्दुल मलिक के खिलाफ वसूली का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में उल्लेख है कि नगर निगम की संपत्ति को हुए नुकसान के बदले 2.44 करोड़ रुपये की राशि 15 फरवरी, यानी तीन दिनों के भीतर जमा करनी होगी। इस वसूली में हेलमेट से लेकर बुलडोजर तक के हुए नुकसान की लागत शामिल होगी
वाहनों को भी नुकसान पहुंचा। जैसे ही शाम हुई, उपद्रवियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। उन्हें बार-बार समझाने के बावजूद, उन्होंने वाहनों पर तोड़फोड़ और आगजनी करना शुरू कर दिया। पथराव और आगजनी की इस घटना में पुलिस, प्रशासनिक और निगम के वाहनों के साथ-साथ मीडिया कर्मियों की गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं
नगर निगम ने अपने 15 वाहनों के नुकसान का मूल्यांकन करते हुए : सोमवार को अब्दुल मलिक के नाम पर 2.44 करोड़ रुपये का वसूली नोटिस तैयार किया। इसमें बोलेरो, बुलडोजर, ट्रैक्टर-ट्राली और कचरा संग्रहण वाहन शामिल हैं। यह सारी राशि अब मलिक से वसूली जाएगी। नगर निगम द्वारा बनाई गई सूची में घन, सब्बल, गैंती, फावड़ा और हेलमेट जैसे उपकरण भी शामिल हैं। 13 वाहन निगम के स्वामित्व वाले थे जबकि दो वाहन किराये पर लिए गए थे, जो क्षतिग्रस्त हुए। वाहनों के नुकसान के आधार पर राशि का निर्धारण किया गया है
अब्दुल मलिक खुद को उद्यान का स्वामी समझता है। यह भूमि उसके पूर्वजों को पिछली सरकार ने 1937 में पट्टे पर दी थी। वर्तमान में, मलिक इस भूमि की रक्षा कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, मलिक ने इस भूमि पर बिना अनुमति के एक मदरसा और नमाज़ के लिए स्थान बना लिया है। जब इसकी सूचना स्थानीय प्राधिकरण को मिली, तो उन्होंने मदरसा और नमाज़ स्थल को गिराने की योजना बनाई। इस कार्रवाई के लिए 8 फरवरी को पुलिस, नगर निगम और प्रशासन की एक संयुक्त टीम ने अतिक्रमण को हटाने का कार्य शुरू किया। इस कार्य का भारी विरोध हुआ, जिसमें महिलाओं ने भी पत्थरबाजी की। लोगों ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया और बाहर खड़े वाहनों को आग लगा दी
आठ फरवरी को दोपहर के समय, पुलिस, प्रशासन, और नगर निगम के कर्मचारियों की एक टीम ने मलिक के बगीचे में स्थित सरकारी जमीन पर बने एक अवैध मदरसे और नमाज के स्थान को हटाने के उद्देश्य से वहां कदम रखा। कार्यवाही शुरू होने से पहले ही वहां विरोध प्रदर्शन आरम्भ हो गया, जिसके बाद विभिन्न दिशाओं से पथराव शुरू हो गया। इस हिंसक घटना में न केवल अधिकारी, बल्कि मौके पर मौजूद कार्यवाही टीम के सदस्य भी घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने सुरक्षा कैमरों और दंगाइयों के मोबाइल वीडियो के आधार पर 25 दंगाइयों को हिरासत में लिया है। इन व्यक्तियों से सात हथियार और 54 गोलियां जब्त की गई हैं। इनमें से 12 व्यक्तियों के पास से बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन से चुराई गई 99 गोलियां भी मिली हैं। पुलिस ने इन व्यक्तियों के विरुद्ध दंगा भड़काने, डकैती, सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने और हत्या की कोशिश सहित विभिन्न आरोपों में मुकदमे दर्ज किए हैं
नैनीताल की जिला अधिकारी वंदना सिंह का कहना है : “हमारी सुरक्षा टीमें अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया के लिए पूर्ण रूप से सजग और तैयार थीं, और यह पूरी तैयारी खुफिया सूचनाओं पर आधारित थी। बिना खुफिया सूचनाओं के हम अप्रस्तुत होकर कैसे जा सकते हैं? हम पूरी तैयारी के साथ गए, इसलिए नगर निगम के किसी भी कर्मचारी को गंभीर चोट नहीं आई। विध्वंस अभियान भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। सभी कार्यवाही के बाद, केवल वे लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की जो दंगाई थे।