Psychoanalytic Test: कोलकाता बलात्कार आरोपी की ‘जानवर जैसी’ प्रवृत्ति

Kolkata Rape Accused Psychoanalytic test

कोलकाता केस: Psychoanalytic Test की चौंकाने वाली रिपोर्ट

कोलकाता में हाल ही में एक बलात्कार के आरोपी के psychoanalytic test ने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। इस परीक्षण के अनुसार, आरोपी संजय रॉय की प्रवृत्तियाँ “जानवरों जैसी” बताई गई हैं, और यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि उसे कोई अपराधी प्रवृत्ति नहीं दिखती। यह परीक्षण कोलकाता के एक प्रमुख मनोविश्लेषक द्वारा किया गया, जो इस संवेदनशील केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

दिल्ली के फोरेंसिक प्रयोगशाला की मनोविश्लेषणात्मक रिपोर्ट

दिल्ली के केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) द्वारा किए गए psychoanalytic test ने संजय रॉय की मनोवैज्ञानिक स्थिति को लेकर कई गंभीर तथ्य उजागर किए हैं। इस परीक्षण में यह पाया गया कि रॉय को पोर्नोग्राफी की लत थी, और उसकी प्रवृत्तियाँ “जानवर जैसी” बताई गईं। यह रिपोर्ट बताती है कि रॉय ने अपने अपराध के लिए कोई पछतावा नहीं दिखाया और रात के घटनाक्रम को पूरी सटीकता के साथ बयां किया। इस psychoanalytic test ने आरोपी की मानसिक स्थिति को लेकर कई नए सवाल उठाए हैं, जो इस केस की जटिलता को और बढ़ा रहे हैं।

कानूनी स्थिति और सीबीआई की भूमिका

संजय रॉय पर भारतीय दंड संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए गए हैं। वह वर्तमान में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में है। 18 अगस्त को, CBI ने CFSL के विशेषज्ञों से रॉय की मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल तैयार करने का आदेश दिया था। इस प्रोफाइल में psychoanalytic test की रिपोर्ट को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह आरोपी की मानसिक स्थिति और उसके अपराधी व्यवहार को समझने में मदद करती है। CBI की इस दिशा-निर्देश के बाद, रॉय के मानसिक स्वास्थ्य और अपराध की प्रवृत्ति पर गहराई से अध्ययन किया जा रहा है।

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गिरफ्तारी और सबूत

9 अगस्त की सुबह लगभग 4 बजे, फुटेज में संजय रॉय को फिर से उसी इमारत में प्रवेश करते हुए देखा गया। अधिकारियों के अनुसार, कुछ तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्य इसकी पुष्टि करते हैं। हालांकि, पीटीआई के साथ साक्षात्कार में, अधिकारी ने रॉय पर किए गए डीएनए परीक्षणों के बारे में कोई जानकारी देने या सामूहिक बलात्कार की अफवाहों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सीबीआई ने भवानीपुर स्थित रॉय के आवास का दौरा भी किया, जहां उन्होंने उनके परिवार, पड़ोसियों और कोलकाता पुलिस बल के सहयोगियों से बातचीत की।

संजय रॉय, जो कि कोलकाता पुलिस का एक नागरिक स्वयंसेवक था, को 9 अगस्त को राज्य-रन RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर की लाश मिलने के अगले दिन गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने रॉय के मोबाइल फोन से पोर्नोग्राफिक सामग्री का एक बड़ा भंडार भी बरामद किया। यह सामग्री रॉय की पोर्नोग्राफी की लत को दर्शाती है, जिसे psychoanalytic test में भी उल्लेखित किया गया है।

रॉय की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने उसके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने के लिए गहन जांच शुरू की। इस जांच के दौरान, आरोपी के मानसिक स्वास्थ्य और उसकी अपराधी प्रवृत्तियों को समझने के लिए psychoanalytic test एक महत्वपूर्ण साधन साबित हुआ। रॉय की मानसिक स्थिति और उसके अपराध के लिए जिम्मेदार कारकों को लेकर जांच जारी है, और psychoanalytic test की रिपोर्ट इस जांच में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रही है।

निष्कर्ष

कोलकाता बलात्कार केस में psychoanalytic test की रिपोर्ट ने मामले की जटिलता को और बढ़ा दिया है। इस परीक्षण ने संजय रॉय की मानसिक स्थिति और उसके अपराधी व्यवहार को लेकर महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए हैं। दिल्ली के CFSL द्वारा किए गए इस परीक्षण ने न केवल रॉय की मानसिक स्थिति को स्पष्ट किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि वह अपने अपराध के लिए पछतावा नहीं करता। सीबीआई की जांच और psychoanalytic test की रिपोर्ट इस केस की न्याय प्रक्रिया को दिशा प्रदान कर रही है, और यह देखने वाली बात होगी कि इस रिपोर्ट के आधार पर आगामी कानूनी कार्यवाही किस दिशा में जाती है।

 

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