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Kerala Wayanad : के जिले में हाल ही में हुई भयानक लैंडस्लाइड ने राज्य को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 184 लोगों की जान जा चुकी है और 170 लोग अभी भी लापता हैं। इस घटना ने राज्य में न केवल आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल की कमी को भी उजागर किया है।||
लैंडस्लाइड की तबाही
वायनाड जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहाड़ियों में लैंडस्लाइड हुई, जिसने आस-पास के गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। इस लैंडस्लाइड के कारण सैकड़ों मकान ध्वस्त हो गए और कई लोग मलबे में दब गए। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है, लेकिन भारी बारिश और खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
मृतकों और लापता लोगों की स्थिति
इस आपदा में अब तक 184 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 170 लोग अभी भी लापता हैं। प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। लापता लोगों की खोज के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है, जिसमें एनडीआरएफ, पुलिस, और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमें जुटी हुई हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाएं
हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। 12 जिलों में 30 जुलाई को स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। Kerala यूनिवर्सिटी ने 30 और 31 जुलाई को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। नई तारीखों की घोषणा बाद में होगी।
इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान जारी किया कि केंद्र सरकार ने एक सप्ताह पहले ही केरल को इस आपदा की संभावना को लेकर अलर्ट किया था। शाह ने कहा कि राज्य सरकार ने इस अलर्ट पर ध्यान नहीं दिया, जिससे यह त्रासदी और बढ़ गई। उनके इस बयान ने राज्य सरकार की तैयारियों और आपदा प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राज्य सरकार का पक्ष
वहीं, Kerala के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सभी आवश्यक कदम उठाए थे, लेकिन इस प्राकृतिक आपदा की तीव्रता को समझ पाना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समय पर सभी संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया था और बचाव कार्यों के लिए सभी संसाधनों को तैनात किया था।
राहत और बचाव कार्य
Kerala Wayanad में लैंडस्लाइड के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। एनडीआरएफ, सेना, और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार मलबे में दबे लोगों की खोज में जुटी हुई हैं। इसके अलावा, प्रभावित लोगों के लिए अस्थाई शिविर बनाए गए हैं, जहां उन्हें भोजन, पानी, और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
प्रभावित लोगों की स्थिति
लैंडस्लाइड से प्रभावित लोगों की स्थिति बेहद गंभीर है। कई लोग अपने घरों को खो चुके हैं और उन्हें अस्थाई शिविरों में रहना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा उन्हें हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है, लेकिन भारी बारिश और खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में काफी चुनौतियां आ रही हैं।
आगे की चुनौतियाँ
इस आपदा के बाद केरल सरकार के सामने कई चुनौतियाँ हैं। सबसे बड़ी चुनौती लापता लोगों की खोज और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने की है। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्यों को भी तेजी से अंजाम देना होगा। राज्य सरकार को भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और मजबूत करना होगा।
समापन
वायनाड लैंडस्लाइड के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल रूम बना दिया है और दो हेल्पलाइन नंबर 8086010833 और 9656938689 जारी किए हैं। केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि चूरलमाला में घायलों के इलाज के लिए मस्जिद और मदरसे में अस्थाई अस्पताल बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल सरकार को केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है और मरने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार से हर संभव मदद की अपील की है।