New Delhi : इस रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल के समक्ष आत्मसमर्पण किया। जैसे ही वह जेल में पहुंचे, उन्हें एक निराशाजनक सूचना मिली। असल में, दिल्ली की एक अदालत ने ऑनलाइन सुनवाई के बीच में उन्हें एक कथित शराब घोटाले के सिलसिले में 5 जून तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद, मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में अपनी पेशी दी। ड्यूटी पर तैनात जज, संजीव अग्रवाल ने यह आदेश दिया।
10 मई को अरविंद केजरीवाल की याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें लोकसभा चुनाव के प्रचार हेतु 21 दिनों की अंतरिम जमानत प्रदान की थी। 2 जून को रविवार के दिन उनकी जमानत की अवधि समाप्त हो गई थी। इसके बावजूद, उन्होंने स्वास्थ्य संबंधित कारणों के आधार पर अपनी जमानत अवधि को सात दिन और बढ़ाने का आग्रह सर्वोच्च न्यायालय से किया था।
न्यायालय के न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पेश की गई एक याचिका पर यह निर्णय जारी किया। ईडी ने अपनी याचिका में उनकी न्यायिक हिरासत को 14 दिन और बढ़ाने की मांग की थी। 20 मई को न्यायालय में यह याचिका प्रस्तुत की गई थी, जिस समय केजरीवाल अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा हुए थे। न्यायालय ने केजरीवाल को 5 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का निर्णय सुनाया और बताया कि संबंधित न्यायाधीश उस दिन उनकी स्वास्थ्य आधारित अंतरिम जमानत की याचिका पर आदेश जारी करेंगे।
वास्तव में, आज सायंकाल तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करने से पूर्व केजरीवाल ने राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर अपनी श्रद्धा अर्पित की और कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर में दर्शन किए। अपने संबोधन में, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘मैं फिर से जेल जा रहा हूं, न कि इसलिए कि मैं भ्रष्टाचार में लिप्त था, बल्कि इसलिए कि मैंने अत्याचार के विरुद्ध मेरी आवाज उठाई थी।
आप नेता ने बताया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के प्रचार में ‘‘देश की रक्षा’’ के लिए हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा, ‘मुझे सुप्रीम कोर्ट से 21 दिनों की मोहलत प्राप्त हुई थी, ये 21 दिन अत्यंत यादगार रहे। मैंने हर पल का उपयोग किया। मैंने देश के हित में चुनाव प्रचार किया। आम आदमी पार्टी का महत्व नहीं है, देश सर्वोपरि है।’ केजरीवाल ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह भी बताया, ‘भाजपा 4 जून को सरकार नहीं बना रही है। ये एग्जिट पोल आपको निराश करने के लिए एक ‘चाल’ हैं।’