जितिया व्रत : इस साल जितिया व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और परिघ योग बन रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि इन शुभ योग में जितिया का व्रत करना परमफलदायी माना जाता है। अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से लेकर 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. 6 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. आप इस अबूझ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं जितिया व्रत 6 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। माताएं हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को बच्चों की सलामती के लिए निर्जला व्रत करती हैं। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। इस व्रत में गंधर्व राजा जीमूतवाहन की पूजा के साथ जितिया व्रत की कथा सुनी और पढ़ी जाती है। माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना मन में लिए पूरी श्रद्धा भाव से इस व्रत को करती हैं। आइए जानते हैं इस व्रत को रखने के नियम, शुभ, मुहूर्त और अन्य खास बातें
जितिया व्रत में पहले दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. फिर व्रत का संकल्प लें और पूजा शुरू करें. इसके बाद फल ग्रहण करें और उसके बाद पूरे दिन कुछ न खाएं. दूसरे दिन सुबह स्नान के बाद महिलाएं पहले पूजा पाठ करती हैं और फिर पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं