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Zeeshan Siddiqui का बड़ा निर्णय: कांग्रेस छोड़ NCP से मिला टिकट

Zeeshan Siddiqui

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि बांद्रा पूर्व से विधायक Zeeshan Siddiqui ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी के अजित पवार गुट का साथ पकड़ लिया है। Zeeshan Siddiqui के इस फैसले से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। यह खबर खासकर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जीशान सिद्दीकी कांग्रेस के दिग्गज नेता बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं और उनके इस कदम को कांग्रेस से एक बड़ी राजनीतिक टूट माना जा रहा है। एनसीपी के अजित पवार गुट में शामिल होने के तुरंत बाद, पार्टी ने बांद्रा पूर्व से उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया, जिससे चुनावी माहौल गरमा गया है।

Zeeshan Siddiqui का एनसीपी से जुड़ाव

Zeeshan Siddiqui का एनसीपी में शामिल होना कोई नई बात नहीं है। अपने पिता बाबा सिद्दीकी के पदचिह्नों पर चलते हुए, जीशान ने पहले भी एनसीपी के साथ चुनाव में काम किया है। अजित पवार गुट में शामिल होने के बाद जीशान ने कहा, “एनसीपी के साथ काम करना कोई नई बात नहीं है, इससे पहले के चुनाव में हमने एकसाथ काम किया था।” उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस ने शिवसेना उद्धव ठाकरे के दबाव में आकर बांद्रा ईस्ट की सीट किसी और को देने का फैसला किया, जो उनके लिए अस्वीकार्य था। जीशान के इस बयान ने यह साफ कर दिया कि उनका एनसीपी के साथ जुड़ाव एक सोचा-समझा निर्णय था।

बांद्रा पूर्व सीट पर Zeeshan Siddiqui की उम्मीदवारी

एनसीपी में शामिल होने के साथ ही Zeeshan Siddiqui को बांद्रा पूर्व से पार्टी की ओर से उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया। इस फैसले ने कांग्रेस के लिए एक मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि जीशान सिद्दीकी पहले इसी सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस से निकाले जाने के बाद उन्होंने अपने पुराने विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, जहां उनका खासा जनाधार है। जीशान सिद्दीकी की उम्मीदवारी को लेकर बांद्रा पूर्व में चुनावी माहौल और भी गर्मा गया है और यह सीट अब दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है।

Zeeshan Siddiqui का परिवार और उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि

Zeeshan Siddiqui का राजनीति में आना किसी के लिए आश्चर्य की बात नहीं थी। उनके पिता, बाबा सिद्दीकी, महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नाम रहे हैं। उनके निधन के बाद, जीशान ने अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया और अपने पिता के अधूरे कामों को पूरा करने का संकल्प लिया। जीशान ने मीडिया को यह भी बताया कि उनके पिता की हत्या के मामले में उन्होंने मुंबई पुलिस को हर आवश्यक जानकारी दी है। वह इस केस में न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर भी साझा करते रहते हैं।

अन्य प्रमुख नेता भी एनसीपी में शामिल

Zeeshan Siddiqui के साथ एनसीपी अजित पवार गुट में चार अन्य बड़े नेता भी शामिल हुए हैं। इनमें तासगांव कवठे से संजय काका पाटील, वरुड मुर्शी से देवेंद्र भुयार, इस्लामपुर से निशिकांत पाटील और पूर्व बीजेपी सांसद प्रतापराव चिखलीकर शामिल हैं। इन नेताओं का एनसीपी में शामिल होना बताता है कि अजित पवार गुट महाराष्ट्र में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटा हुआ है। यह कदम एनसीपी के लिए राजनीतिक बढ़त हासिल करने का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है, खासकर कांग्रेस के घटते प्रभाव के बीच।

Zeeshan Siddiqui का भावुक बयान

Zeeshan Siddiqui ने एनसीपी में शामिल होने के बाद एक भावुक बयान दिया, जिसमें उन्होंने अपने पिता के अधूरे कामों को पूरा करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने जो लड़ाई अधूरी छोड़ी थी, मैं उसे पूरा करूंगा।” इस बयान से यह साफ है कि जीशान सिद्दीकी राजनीति में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उनके परिवार का संघर्ष न्याय पाने तक जारी रहेगा। जीशान के इस भावुक बयान ने उनके समर्थकों को और भी ज्यादा प्रेरित किया है, और बांद्रा पूर्व के मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है।

कांग्रेस के लिए झटका

Zeeshan Siddiqui का कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका है। यह घटना न केवल कांग्रेस की आंतरिक समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पार्टी अपने प्रभावशाली नेताओं को बनाए रखने में असमर्थ हो रही है। जीशान का एनसीपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक चेतावनी है कि पार्टी को अपने नेतृत्व और उम्मीदवारों के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना होगा।

एनसीपी अजित पवार गुट की चुनावी रणनीति

अजित पवार गुट ने Zeeshan Siddiquiको शामिल करके अपनी चुनावी रणनीति को और मजबूत किया है। जीशान के रूप में उन्हें एक लोकप्रिय युवा नेता मिला है, जो बांद्रा पूर्व में अपनी अच्छी पकड़ रखता है। एनसीपी की यह रणनीति कांग्रेस के खिलाफ उनके संघर्ष को और मजबूती प्रदान करेगी। इसके अलावा, जीशान के जुड़ने से एनसीपी को युवाओं के बीच में भी एक विशेष समर्थन मिलने की संभावना है, जो चुनाव में उन्हें महत्वपूर्ण लाभ दे सकता है।

निष्कर्ष

जीशान सिद्दीकी का एनसीपी अजित पवार गुट में शामिल होना महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है, जबकि एनसीपी के लिए यह एक महत्वपूर्ण चुनावी बढ़त है। Zeeshan Siddiqui ने अपने पिता की अधूरी लड़ाई को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है और बांद्रा पूर्व के मतदाताओं के बीच अपनी लोकप्रियता को और बढ़ा रहे हैं। उनके एनसीपी में शामिल होने से न केवल अजित पवार गुट को एक ताकतवर उम्मीदवार मिला है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ भी देखने को मिला है।

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