हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है: बारिश के चलते राज्य में 48 घंटों में 60 लोगों की मौ त हुई है. आपदा से राज्य में अब तक 10 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है आशंका है. हिमाचल में स्कूल-कॉलेजों को खराब मौसम के चलते 16 अगस्त को भी बंद कर दिया गया
देखते ही देखते पूरा का पूरा इलाका लैंड स्लाइड की वजह से ढह गया:
कृष्णानगर में लैंडस्लाइड में 8 घर चपेट में आ गए. शिमला में सोमवार तक अलग अलग जगहों से 19 शव बरामद किए गए हैं. शिव मंदिर में 12 फगली में 5 और कृष्णानगर में 2 शव मिले. शिव मंदिर के मलबे में अभी भी कम से कम 10 लोगों के दबे होने की आशंका है. शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज को खराब मौसम की वजह से 16 अगस्त को बंद कर दिया गया.
हिमाचल में कहां कितनी मौतें : हिमाचल के शिमला में 19, मंडी जिले में 19, सोलन में 11 लोगों की मौत हुई है. राज्य के 11 जिलों में 857 सड़कों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है. हालांकि, सीएम ने लैंडस्लाइड की आशंका जताई है
सीएम सुक्खू ने बताया कि शिमला शहरी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण 500 से अधिक पेड़ गिर गए. इससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 2 दिन में 60 लोगों की मौत हुई है, इनमें से 19 की सिर्फ शिमला में हुई है.
दिल्ली में फिर बढ़ा यमुना का जलस्तर बाढ़ के खतरे:
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के चलते यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है. दिल्ली में नदी का जलस्तर र 204.50 मीटर के चेतावनी के निशान को पार गया है. इस वजह से एक बार फिर दिल्ली वालों की धड़कने तेज हो गईं हैं केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर सोमवार दोपहर तीन बजे 203.48 मीटर बढ़कर मंगलवार शाम 6 बजे तक 204.94 हो गया है.
हिमाचल और उत्तराखंड में हो रही है मूसलाधार बारिश: दिल्ली में यमुना के पास निचले इलाके में लगभग 41 हजार लोग रहते हैं, इन इलाकों को संदेवदशील माना जाता है. IMD ने मंगलवार रात हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया, जिसमें कहा गया कि अगले 24 घंटों में भारी बारिश होने की संभावना है. पिछले कुछ दिलनों से दोनों राज्यों में लगातार बारिश हो रही है, लेकिन राहत की कोई संभावना नहीं आ रह है. आईएमडी ने कहा कि ‘रेड अलर्ट’ भूस्खलन, अचनाक आई बाढ़, बादल फटने और लगातार भारी बारिश ने लोगों की जान ले ली है. संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है, जिससे दोनों राज्यों की विकास गतिविधियों पर कहर बरपा रह है