August 2023 : आज भारत में बच्चा-बच्चा भी यूपीआई से अवगत है और अवगत ही क्या, रोज इसका इस्तेमाल भी करता है. चाहे सब्जी खरीद रहे हों या एक कप चाय पी रहे हों, या फिर बिजली से लेकर मोबाइल तक का बिल भर रहे हों, यूपीआई ने इस सभी कामों को आसान और पूरी तरह से डिजिटल बना दिया है. भारत में डिजिटल पेमेंट को आम लोगों तक पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका यूपीआई ने ही निभाई है और शुरुआत से ही इसने एक के बाद एक कई बेमिसाल रिकॉर्ड बनाया है
बढ़ रहा UPI का दायरा : अगर वैल्यू के हिसाब से देखें, तो कुल लेनदेन का आंकड़ा 15,33,645.20 करोड़ रुपये रहा. जुलाई में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 9.96 अरब (996.4 करोड़) था और जून में ये आंकड़ा 9.33 अरब रहा था. यूपीआई से पेमेंट का चलन देश में बेहद तेजी से बढ़ा है. होटल्स से लेकर सब्जी बेचने वाले तक अब यूपीआई के जरिए पेमेंट लेने लगे हैं अब यूपीआई एक और ऐसे शानदार रिकॉर्ड की दहलीज पर है, जिसका आंकड़ा देखने-सुनने में ही अविश्वसनीय जैसा लगता है. सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त महीने में यूपीआई ने संभवत: डिजिटल पेमेंट की दुनिया का नया माउंट एवरेस्ट बना दिया है. बताया जा रहा है कि शायद अगस्त महीने के दौरान कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 10 बिलियन के पार निकल गया. अगर ऐसा होता है कि तो अगस्त अभी तक के इतिहास में 10 बिलियन यूपीआई पेमेंट वाला पहला महीना बनने जा रहा है.
सुनील रोंगाला की मानें तो यूपीआई के लिए 10 बिलियन का आंकड़ा ही लिमिट नहीं है : उनका कहना है कि 10 बिलियन का स्तर पा लेने के बाद भी यूपीआई के पास ग्रो करने की बहुत गुंजाइश बाकी है. आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीआई पी2एम ट्रांजेक्शन सालाना आधार पर 100 फीसदी से ज्यादा दर से बढ़ रहे हैं. इनका शेयर भी पी2पी ट्रांजेक्शन से ज्यादा है. रोंगाला को यकीन है कि आने वाले 18-24 महीने में मंथली यूपीआई ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 20 बिलिन के भी पार निकल सकता है