Today Update Board Exam 2024: बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी

Board Exam 2024 : देश में नई शिक्षा नीति 2020 में लाई गई थी। जिसे धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है। बुधवार को शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों के लिए नया नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क जारी किया है। जिसके मुताबिक 2024 सत्र से बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। ऐसे में छात्र साल में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे। अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में फेल होता है तो पास होने के लिए उसे दूसरा मौका मिलेगा देश में 11 वीं-12 वीं में दो भाषाओं की पढ़ाई होगी। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि छात्रों पर दबाव कम किया जा सके। साथ ही शिक्षा व्यवस्था में कोचिंग और रटने की संस्कृति को कम किया जा सके

शिक्षा मंत्रालय ने कहा:  शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन ‘स्ट्रीम’ तक सीमित नहीं रहेगा. बल्कि छात्र-छात्राओं को पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी. शिक्षा मंत्रालय के इस नए पाठ्यक्रम के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘मांग के अनुसार’ परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे.माना जा रहा है कि नया फ्रेमवर्क 2024-25 सत्र से लागू हो जाएगा। हालांकि, इसके लिए स्कूलों और संबंधित बोर्डों को कड़ी तैयारी करनी होगी। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए फ्रेमवर्क को लागू करने में जरूर दिक्कतें आएंगी। क्योंकि केरल और तमिलनाडु राज्य पहले से ही नई शिक्षा नीति की विरोध कर रहे हैं। वहीं, कर्नाटक भी अपने यहां नई शिक्षा नीति को लागू नहीं कर रहा है।

​12वीं बाद किसी भी स्ट्रीम से पढ़ाई कर सकेंगे छात्र: एनसीएफ के मुताबिक सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है जिसमें छात्रों को कुल 16 विकल्प आधारित पाठ्यक्रमों को पूरा करना होगा सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास शामिल है. इस स्टेज में छात्रों को 8-8 ग्रुप में कुल 16-16 पेपर देने होंगे. 11वीं  12वीं के हिस्सों को एक साथ रखा गया है. इसमें स्टूडेंट्स को 8 विषयों में से हर ग्रुप के दो-दो विषय (16 विषय) दो साल के दौरान पढ़ने होंगे  12वीं बाद छात्र किसी भी स्ट्रीम से पढ़ाई कर सकेंगे। छात्रों पर किसी भी विषय को चुनने का दबाव नहीं होगा। नया फ्रेमवर्क लागू होने के बाद सिलेबस भी कम होगा और छात्रों पर दबाव भी कम होगा।

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