Today News Uttarakhand Tunnel : बस कुछ देर और 41 मजदूर सुरंग से बाहर पीएम मोदी ने टनल के अंदर फंसे मजदूरों का हाल

Uttarakhan : सिलक्यारा की सुरंग में 12 दिनों तक फंसे गए श्रमिकों के लिए, उनके स्वजन और बचाव एजेंसियों ने एक अद्भुत समर्पण दिखाया है। राहत और बचाव कार्य शुरू होने पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जब सुरंग बनाने का कार्य शुरू हुआ, तब भी कई अड़चनें उत्पन्न हो गईं, लेकिन उन्होंने उम्मीद की किरणें बनाए रखीं। रात भर चलने वाले रेस्क्यू ऑपरेशन से मजदूरों की बचावात्मक कार्रवाई की गई और इससे एक नई राह का प्रारंभ हुआ। इस कठिनाई भरे समय में, श्रमिकों, उनके परिवारजनों, और सुरक्षा एजेंसियों ने अपने साहस और सहनशीलता का परिचय दिखाया है। सभी ने इस परीक्षण को धैर्य से निभाया है और अपने हौसले को बुलंद बनाए रखा है। परिवारजनों को उनके प्यारवालों की सुरक्षित वापसी का इंतजार है, और साथ ही प्रशासन भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है जब रेस्क्यू ऑपरेशन में सहारा पहुंचाने का कार्रवाई कर रहा है

दीपावली के दिन हुए एक दुर्घटना: जब पूरा देश 12 नवंबर को दीपोत्सव का आनंद ले रहा था, वहीं सिलक्यारा में एक निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन के कारण यहां का माहौल बिल्कुल अलग था। स्थानीय ग्रामीणों ने इस घटना के कारण दीपावली के पूर्व में पूजा तो की, लेकिन सुरंग में फंसे श्रमिकों के स्वजनों ने पटाखों से दूरी बनाए रखी। जैसे ही इस घटना की खबर उन्हें मिली, वे भी अपनों की सुरक्षा के लिए उत्सुक हो गए। धीरे-धीरे उनके स्वजन घटना के स्थल पर पहुंचे। इसके साथ ही, सरकार और बचाव एजेंसियां भी त्वरित राहत और बचाव कार्यों में शामिल हो गईं
आज रात भी बचाव कार्य जारी है। गुरुवार को, गंभीर परिस्थितियों के चलते, देश-विदेश से विशेषज्ञों को बुलाया गया था। फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए छह कार्ययोजनाएं तैयार की गईं। इस बीच, मुख्य सुरंग से लाइफलाइन पाइप भी बिछाई गई थी, जिससे प्राप्त होने वाला खाना और दवाएं श्रमिकों तक पहुंचाई गईं। इससे उम्मीदें और बढ़ीं और हौसला मजबूत हुआ। अंत में, सुरंग के भीतर के कार्य में विघटन हुआ, लेकिन इससे किसी के हौसले को कमजोरी महसूस नहीं हुई।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में जहां मजदूर सुरंग में फंसे हैं, उनके बचाव के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा, “कोई समस्या नहीं है, सभी आवश्यक उपकरणों को एकत्र करने में समय लगता है… सभी धातुएं निकाली जा चुकी हैं… हम शाम तक उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं हरिद्वार शर्मा बिहार के रोहतास जिले के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि मेरा छोटा भाई, सुशील शर्मा, सुरंग के अंदर फंसे हैं। हमने आज सुबह आठ बजे उससे बात की है। उसने सुनाया कि सभी ठीक हैं और किसी भी समस्या का सामना नहीं कर रहे हैं। वहां सभी आवश्यक वस्त्र, खानपान और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्हें अंदर नहाने का भी आयोजन है, और वहां मोबाइल चार्जर भी है। हालांकि, उन्हें इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

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