घटना की रात, आरोपी साले ने पहले ही इंस्पेक्टर की कार में जीपीएस ट्रैकर लगा दिया था, ताकि उसकी लोकेशन को ट्रैक कर सकें. उसने फिर जीपीएस ट्रैकर को अपने मोबाइल से कनेक्ट कर लिया था, जिससे वह अपने मोबाइल पर इंस्पेक्टर की गाड़ी का लोकेशन देख सकता था. इसी बीच, घटना की रात, इंस्पेक्टर को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग करने और उसे अकेले लाने की योजना को पत्नी भावना सिंह ने रची थी
बता दें कि इंस्पेक्टर की हत्या की जानकारी के खोज में पुलिस ने पांच टीमें तैनात की थीं. इस कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने 10 किलोमीटर के दायरे में 400 सीसीटीवी खंगालों का उपयोग किया. इसके बाद, पुलिस को आरोपी की पहचान करने में सफलता मिली. पुलिस के अनुसार, हत्या के समय पाँच राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से दो गोलियां इंस्पेक्टर के पेट में, एक हाथ में और एक गले में लगी थीं. इस घटना के समय पुलिस ने CCTV फुटेज को भी संग्रहित किया है।
मृतक इंस्पेक्टर सतीश सिंह के भाई के घर पर घटित हुई घटना का CCTV फुटेज उपलब्ध था. वॉयस रिकॉर्डिंग से यह पता चला कि 5 राउंड गोलियां चलीं थीं. गोलीबारी के बाद, इंस्पेक्टर की पत्नी की चिल्लाहट 1 मिनट (65 सेकेंड) के भीतर सुनाई दी. हालांकि, आरोपी का चेहरा CCTV फुटेज में दिखाई नहीं दिया जा सका. इसके बाद, लखनऊ पुलिस ने वॉयस रिकॉर्डिंग सहित अन्य साक्ष्यों को लेकर आरोपी की खोज में तत्परता दिखाई