Jammu Attack : जम्मू के रियासी जिले में शिवखोड़ी से लौटती एक यात्री बस पर आतंकवादी हमले ने देश को दहला दिया है। इस भयावह घटना में 10 यात्रियों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए। इस हमले की गहन निंदा भारत भर के नेताओं, समाजसेवियों और कलाकारों ने की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले की साजिश पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI की मदद से लश्कर-ए-तैयबा ने रची थी।
आतंकियों ने जब बस पर हमला किया, उस वक्त बस ड्राइवर को गोली लगने से वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया। इसके बाद भी आतंकवादियों ने बस पर गोलीबारी जारी रखी। यदि बस खाई में नहीं गिरती, तो शायद और भी अधिक जानमाल का नुकसान होता।
ग्रामीणों की रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने सेना की वेशभूषा पहन रखी थी और दूर से ही बस को रोकने का संकेत दिया। जैसे ही बस करीब आई, ड्राइवर को एहसास हो गया कि ये सेना के जवान नहीं हैं। ड्राइवर ने बस को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान आतंकियों ने उस पर गोलीबारी कर दी, जिससे बस खाई में गिर गई। यात्रियों का कहना है कि आतंकियों का इरादा बस में मौजूद सभी लोगों को मारना था, और बस के खाई में गिरने के बाद भी उन्होंने गोलियां चलाना जारी रखा।
जम्मू और प्रदेश के अन्य हिस्सों में लोगों ने इस आतंकी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना और बजरंग दल ने प्रदर्शन जुलूस निकाले, जबकि ऑल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस ने भी हमले की कड़ी निंदा की। सूत्रों के अनुसार, हमले में आतंकियों ने M4 कार्बाइन राइफल का इस्तेमाल किया, जिसे मूल रूप से 1980 के दशक में अमेरिका ने विकसित किया था। इस राइफल का इस्तेमाल विश्वभर की सेनाओं में किया जाता है, और पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स तथा सिंध पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट भी इसके एक संस्करण का उपयोग करती है।
करीब 12 जिहादी आतंकियों के एक समूह की जम्मू क्षेत्र में सक्रियता की सूचना मिली है, जो राजौरी-पुंछ के घने जंगलों में छोटे-छोटे दलों में गतिविधियाँ कर रहे हैं। इस ग्रुप में कुछ पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं, जिनके एलओसी पार करने के लिए सुरंगों का उपयोग करने की आशंका है, हालांकि अब तक कोई सुरंग नहीं मिली है और सर्च ऑपरेशन जारी है।
सीआरपीएफ और पुलिस सहित सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले और आस-पास के तेरयाथ-पोनी-शिव खोड़ी इलाकों में घेराबंदी की है। ड्रोन और खोजी कुत्तों का उपयोग करते हुए विस्तृत खोजबीन अभियान चल रहा है। सुरक्षा बलों को आशंका है कि आतंकवादी रियासी और राजौरी के ऊपरी इलाकों में छिपे हो सकते हैं, जहाँ घने जंगल और गहरी खाइयां हैं
जम्मू क्षेत्र के कटरा, डोडा, और कठुआ जिलों में पाकिस्तान के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन देखने को मिले। इन प्रदर्शनों में नागरिकों ने आतंकवाद की घटनाओं को रोकने के लिए बढ़ते सुरक्षा उपायों की मांग की। प्रदर्शनकारी विशेष रूप से पाकिस्तान पर जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए, इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे थे