Agra News : आगरा में सरसों के तेल की चार कंपनियों पर मंगलवार को सुबह से ही आयकर विभाग के कार्रवाई का आरंभ हुआ, और यह कार्रवाई बुधवार देर रात तक जारी रही। सरसों के तेल के बड़े खिलाड़ियों से आयकर विभाग के अधिकारियों को मिला है। बोगस खरीद के साथ, कंपनियों की बिक्री तीन साल में एकाएक तेजी से बढ़ गई है, और इसके साथ ही बड़े पैमाने पर संपत्तियां खरीदी गई हैं। आगरा, नोएडा, गुरुग्राम, और अन्य देश के कई शहरों में निवेश के दस्तावेज़ मिले हैं बुधवार को तेल के डिपो में नकदी का पता लगा और इसके बारे में जानकारी आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग को पहुँचाई गई है। अब विभाग तेल के बिलों की जाँच कर रहा है। इस जाँच के दौरान जांच शाखा के अधिकारियों को बोगस फर्मों की एक लंबी सूची मिली है, जिन्होंने बोगस खरीद के बिल प्रस्तुत किए हैं। बीपी ऑयल मिल, शारदा ऑयल, हरिशंकर एंड कंपनी, और एसके इंडस्ट्रीज की प्रमुख संपत्ति पर अधिकारियों ने विचारणा किया है और इसमें जुटे हैं
अजय अवागढ़ के बाद, मंगलवार की सुबह, आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन विंग ने शहर के चार तेल कारोबारियों पर छापा मारा। कोलकाता में इन कंपनियों के गोदाम और ऑफिस पर भी आयकर विभाग की कार्रवाई एक साथ शुरू हुई। साथ ही, आगरा के पड़ोसी जिलों के आयकर अधिकारियों को भी इस कार्रवाई में शामिल किया गया है। चारों कंपनियों के संचालकों के घर और ऑफिस में आयकर अधिकारियों ने कागजात और कंप्यूटर लैपटॉप को जांचने का काम शुरू कर दिया है। आयकर विभाग को इन कंपनियों के द्वारा बोगस कंपनियों के माध्यम से व्यापार करने और स्टॉक रजिस्टर में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थीं
विजय नगर: सरसों के तेल की चार कंपनियों में टैक्स चोरी का वही पैटर्न दिख रहा है, जो सलोनी ऑयल मिल पर चार साल पहले की गई जाँच में प्रकट हुआ था। आयकर अधिकारियों के अनुसार, चारों तेल कंपनियों ने बोगस खरीद और खर्च की प्रतिष्ठिती दिखाई है। कई ऐसी कंपनियों के नाम दिखाए गए हैं, जिनके पते नहीं पता है। अब कच्चे बिलों का रिकॉर्ड जांचा जा रहा है। संपत्तियों की खरीद के कागजात भी प्राप्त हुए हैं। जमीनों की खरीद के कागजात भी टीमों के पास मौजूद हैं। सलोनी ऑयल मिल के साथ, इन कंपनियों के बीच बड़ा व्यापार हुआ है शारदा ऑयल कंपनी के तीन संचालक विजय नगर कालोनी में निवास करते हैं। एसके इंडस्ट्रीज के नाम से चलने वाली कंपनी के सचिन गुप्ता, अजय गुप्ता और दीपक गुप्ता की तेल मिल नुनिहाई में स्थित है। सबसे पुरानी तेल मिलों में मायथान और नुनिहाई के प्रतिष्ठित स्थानों की ओर भी आयकर टीम पहुँची। इनके ऑफिस में मौजूद कंप्यूटर, कच्चे बिलों, स्टॉक रजिस्टर, और लैपटॉप के डेटा की जाँच हो रही है
गरीब किसानों से जुड़ी गई थी 45 करोड़ रुपये की खरीद चार साल पहले : फरवरी 2019 में कानपुर स्थित आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन विंग ने सलोनी ऑयल मिल पर छापा मारा था, जिसमें ऐसे दिलचस्प तथ्य सामने आए थे कि आयकर अधिकारियों ने भी हैरानी में पड़ गए थे। उन लोगों के साथ जो सरसों की बिक्री नहीं करते थे, उनसे सरसों की खरीद का पता चला। गरीब किसानों के नाम पर खोले गए बैंक खातों में 45 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता लगा। यह सरसों की खरीद जिन्होंने दिखाई थी, उन ई-वे बिलों के साथ रूट से निकले ही नहीं थे। इसी प्रकार का पैटर्न सरसों के तेल की इन कंपनियों की आदि जाँच में दिखाई देता है।”