प्याज के दामों में वृद्धि: अक्टूबर माह के मध्यांतर के बाद, प्याज के दामों में वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे लोगों के आंसू निकल गए हैं। थोक में प्याज के दाम 50 से 55 रुपए प्रति किलो तक पहुंचे हैं, और रिटेल में ये 70 रुपए प्रति किलो तक हो गए हैं। इससे मध्यम वर्ग के लोगों के लिए प्याज की कीमतें अधिक महंगी हो गई हैं, जो त्योहारी सीजन के बीच और भी बढ़ गई हैं निर्धारित नियमों के अनुसार, आधार कार्ड के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम चार किलो तक प्याज 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्याज की वितरण को मकसूदां सब्जी मंडी में फ्रूट मंडी की 78 नंबर दुकान के बाहर सुबह नौ बजे रियायती दरों पर उपलब्ध किया जाएगा
त्योहारी सीजन में प्याज की मूल्य में वृद्धि के बारे में जानकारी है। राजधानी दिल्ली के गाजीपुर मंडी में पिछले सोमवार को प्याज की होलसेल कीमत 30-35 रुपए प्रति किलोग्राम थी, लेकिन कुछ ही दिनों में यह कीमतें बढ़कर 45 से 60 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। रिटेल कीमतें अब 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं, और यह त्योहारों जैसे दिवाली और छठ पर भी प्रभाव डाल सकती हैं
यहाँ पर विभिन्न शहरों में प्याज की मूल्यों की जानकारी दी गई है:
- दिल्ली: 80 रुपये प्रति किलो
- जयपुर: 80 रुपये प्रति किलो
- चंडीगढ़: 80 रुपये प्रति किलो
- भोपाल: 80 रुपये प्रति किलो
- मुंबई: 75 रुपये प्रति किलो
- लखनऊ: 70 रुपये प्रति किलो
- पटना: 70 रुपये प्रति किलो
- कोलकाता: 75 रुपये प्रति किलो
ये दाम शहर के भिन्न-भिन्न मंडियों और विपणियों में भी बदल सकते हैं, इसलिए व्यक्तिगत दुकानों या मंडियों में स्थानीय मूल्यों की जांच करना उपयुक्त हो सकता है
सरकारी अभियां: सरकार ने प्याज की कीमतों को कम करने के लिए उचित रणनीतियाँ अपनाई हैं, जैसे कि अन्य राज्यों से प्याज का स्टॉक मंगाना और इसे कम कीमत पर बेचना।
स्टॉक मंगाना: सरकार ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, और अन्य राज्यों से प्याज के स्टॉक को मंगाया है ताकि इसे उपयुक्त बाजारों में बेचा जा सके।
मंग की बढ़त: प्याज की मंग में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने उचित समय पर इसके स्टॉक को मंगाने का निर्णय लिया है।
कीमतों का नियंत्रण: सरकार ने उचित बाजार निगरानी की जाँच करने के लिए कई टीमें बनाई हैं ताकि अनुशासन और मूल्यों का नियंत्रण बना रह सके। इन कदमों के साथ, सरकार प्याज की कीमतों को कम करने के लिए कई अन्य उपायों का भी विचार कर रही है इस खबर के अनुसार, सरकार ने प्याज के बफर स्टॉक का प्रबंधन किया है और इसे कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस सीजन में सरकार का प्याज के लिए बफर स्टॉक 5 लाख टन का था, जिसमें से पहले से 2 लाख टन को बेचा जा चुका है। इसके अलावा, सरकार ने दूसरे राज्यों के किसानों से 2 लाख टन प्याज खरीदने का निर्णय लिया है। यह कदम प्याज की कीमतों को कम करने और मानव जीवन को सुखद बनाने के लिए एक प्रयास है।