नोएडा के GIP मॉल में गंभीर दुर्घटना, जल क्रीड़ा स्थल पर स्नान करने गए नवयुवक का निधन हो गया, स्वजनों ने उठाए यह सवाल

तदुपरांत प्रत्येक ने बारी-बारी से स्लाइडिंग का आनंद लेना आरंभ किया, जिस दौरान धनंजय माहेश्वरी स्लाइडिंग करते हुए जब नीचे उतरे तो अकस्मात उन्हें स्वांस लेने में कठिनाई अनुभव होने लगी। इसके पश्चात् उन्होंने कुछ क्षण विश्राम करने का निश्चय किया। परंतु, विश्राम से कोई लाभ नहीं हुआ। इसके परिणामस्वरूप, जीआईपी मॉल प्रबंधन ने अत्यावश्यकता में एम्बुलेंस द्वारा उन्हें कैलाश चिकित्सालय पहुँचाया। वहाँ चिकित्सकों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया। यह स्पष्ट किया जाता है कि डूबने की आशंका निराधार है।

स्वर्गीय के पिता संजय महेश्वरी के अनुसार, उनके पुत्र ने रविवार को प्रातः 11 बजे के लगभग अपने चार मित्रों अंशुल गुप्ता, राघव गुप्ता, सागर गुप्ता और पीयूष लांबा के संग अपने निवास से प्रस्थान किया था। किन्तु, दोपहर के समय जलपार्क में उनकी अचानक और रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु हो गई।

धनंजय की मृत्यु कैसे हुई:  दोपहर लगभग 12:30 बजे जलपार्क में आगमन के पश्चात् धनंजय और उनके मित्रों ने पहनावा और लाकर सेवाएँ लीं और तत्पश्चात् स्लाइड्स की ओर बढ़े। धनंजय जब ‘स्लाइड’ कर नीचे आए, उन्हें श्वास लेने में कठिनाई अनुभव होने लगी जिसके बाद पार्क के प्रबंधन ने तत्काल उन्हें समीपवर्ती चिकित्सालय में पहुँचाया जहाँ वहाँ के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। सायंकाल, परिवार ने यह दावा किया कि धनंजय के पैर और कमर में चोट के निशान थे। इस घटनाक्रम पर उप पुलिस आयुक्त ने कहा कि सभी दिशाओं में गहन छानबीन की जा रही है।

चिकित्सालय जाने में विलंब का आरोप लगाया गया साक्ष्यों के अनुसार, जब धनंजय माहेश्वरी को स्वास लेने में कठिनाई होने लगी और वे भूमि पर आसीन हो गए, उसी समय यदि मनोरंजन पार्क के प्रशासन ने सतर्कता दिखाई होती और शीघ्रतापूर्वक उन्हें चिकित्सालय पहुंचाया होता, तो संभव था कि उनका जीवन रक्षित हो जाता। परंतु सूचना मिली है कि चिकित्सालय पहुंचने में कुछ समय लग गया और चिकित्सालय में आगमन पर उन्हें निर्जीव घोषित कर दिया गया। साक्ष्यों के अनुसार, मनोरंजन पार्क के प्रशासन द्वारा लगभग 20 से 25 मिनट का विलंब किया गया था

इतवार की दोपहरी के वक्त जब यह दुर्घटना घटित हुई, उस समय वहां अधिक संख्या में जन समुदाय उपस्थित था। इस दुर्घटना के पश्चात, वहां हड़बड़ी और भगदड़ का माहौल बन गया और अनेक व्यक्ति जल पार्क से निकल कर चले गए। दूसरी ओर, नोएडा आयुक्तालय की जनसंपर्क इकाई के अनुसार, धनंजय माहेश्वरी की मृत्यु जलमग्न होने के कारण नहीं हुई। स्वजनों की मौजूदगी में घटनास्थल पर विवरण दर्ज करने के बाद शव परीक्षण की प्रक्रिया आयोजित की जा रही है।

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