Today News Gujarat Police Crime : गुजरात के खेड़ा में पुलिसवालों ने मुस्लिम लड़कों को चौराहे पर बांधकर पीटा था कोर्ट ने आरोपी 4 पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए 14 दिन की सजा सुनाई है. साथ ही 2000 रुपये का दंड भी लगाया

 Gujarat Police : गुजरात के खेड़ा जिले में पुलिसकर्मियों ने मुस्लिम युवकों को चौराहे पर बांधकर पीटा था. गुजरात हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी की कहकर कहा है कि अगर इन पुलिसकर्मियों को माफ किया गया, तो आने वाले दिनों में और भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं, और फिर यह आम हो जाएगा कि पुलिसकर्मी लोगों को सजा देने के लिए चौराहों पर बांध देंगे। अदालत ने इस मामले में और भी कई बातें कही हैं| गुजरात के खेड़ा जिले में एक घटना हुई थी, और यह बहुत संवेदनशील थी. वह घटना कुछ समय पहले हुई थी और उसमें कुछ पुलिसकर्मी ने मुस्लिम युवकों को चौराहे पर बाँधकर पीटा था. इसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि चार पुलिसकर्मियों को दोषी माना गया है, और उन्हें 14 दिन की सजा और 2000 रुपये का जुर्माना दिया गया है. हाईकोर्ट ने इसके साथ ही कहा है कि पुलिसकर्मीओं का व्यवहार कोर्ट के साथ-साथ समाज के साथ भी अत्यंत अनुचित है, और इससे पीड़ित व्यक्तियों को मानसिक प्रताड़ना हो रही है. अदालत ने इसके बाद कहा है कि अगर ये पुलिसकर्मी माफ किए जाते हैं, तो आने वाले दिनों में और भी इस प्रकार के मामले सामने आ सकते हैं, और फिर यह सामान्य हो जाएगा कि पुलिसकर्मी लोगों को सजा देने के लिए चौराहों पर बाँध देंगे। हालांकि, अदालत ने एक दोषी के अनुरोध के बाद अपने आदेश को तीन महीने के लिए रोक लगा दी है, ताकि फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील की जा सके

यह बताना महत्वपूर्ण है कि पिछले साल अक्टूबर में, नवरात्रि उत्सव के दौरान, खेड़ा जिले के उंधेला गांव में, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने एक गरबा नृत्य कार्यक्रम को घेर लिया था, और इसमें कथित तौर पर पथराव किया था। इस घटना में कुछ ग्रामीण और पुलिसकर्मी चोटिल हो गए थे

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें 13 लोगों में से तीन लोग पुलिसकर्मी की पिटाई करते हुए दिखे. कुछ पीड़ितों ने इसके बाद उच्च न्यायालय का संरक्षण लिया और दावा किया कि इस हादसे में शामिल पुलिसकर्मी ने उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और अदालत का अपमान किया है। इस घटना के बाद, पथराव करने के आरोप में गिरफ्तार हुए लोगों ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट की मार्गदर्शिका का सुझाव दिया और कहा कि इस घटना में पुलिसकर्मी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है, जिससे कोर्ट का अवमान हुआ है। कोर्ट ने इस मामले में 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप स्वीकार किए थे

गुजरात के खेड़ा जिले के उंधेला गांव में एक घटना घटी थी, जिसमें 3 अक्टूबर, 2022 को रात को गरबा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम के समीप तुलजा भवानी मंदिर स्थित है, और मंदिर के बगीचे के पास एक मदरसा है. आरोप है कि मदरसे के कुछ लोगों ने वहां गरबा नृत्य करने से रोकने का प्रयास किया. लेकिन गरबा कार्यक्रम जारी रहा. दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक बहस हुई. फिर, दावा है कि मदरसे के ऊपर से कुछ लोगों ने कथित रूप से पत्थर फेंकना शुरू किया. इस घटना में 6 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं. घटना के बाद, गांव में तनावपूर्ण माहौल था, और कुछ लोगों को यह आरोप लगा कि पत्थरबाज़ी का प्रारंभण उन्होंने किया था.इस विवाद के बाद, पुलिस को गांव में तैनात किया गया, और पुलिस ने इस मामले में नौ आरोपीयों को गिरफ़्तार किया. उन सभी को पुलिस द्वारा गांव में ले जाया गया और उन्हें खंभे से बांधकर लाठियों से पीटा गया. इसका बार-बार अनुभव किया गया. इसी दौरान, वहां मौजूद भीड़ भी नारे लगाती रही
पिटने वालों में मालेक परिवार के पांच सदस्य भी शामिल थे, और उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. इस याचिका में 13 पुलिसकर्मियों पर पीटाई के आरोप लगाए गए. आरोप यह भी था कि इन पुलिसकर्मियों ने अपने कृत्य के साथ कोर्ट की अवमानना की. याचिका में कहा गया था कि इन पुलिसकर्मियों ने डीके बासु बनाम बंगाल सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है. उस केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए

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