Muslims population News : बीजेपी ने हाल ही में देश में मुस्लिम आबादी की बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की है। पार्टी ने यह भी प्रश्न उठाया है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है और मुसलमानों को आरक्षण देती है, तो इससे मौजूदा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण पर क्या प्रभाव पड़ेगा। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदू आबादी का हिस्सा 7.82% घटा, जबकि मुस्लिम आबादी में 43.15% की वृद्धि हुई है। इसी अवधि में जैन समुदाय की आबादी 0.45% से घटकर 0.36% हो गई। यह रिपोर्ट लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान से ठीक पहले प्रकाशित हुई है
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने हालिया रिपोर्ट के संदर्भ में बोलते हुए कहा, ‘यदि हम 1951 की जनगणना की बात करें तो उस समय हिंदुओं की आबादी 88% थी और मुसलमानों की 9.5%। 2011 की जनगणना में हिंदुओं की आबादी घटकर 79.8% हो गई, जबकि मुसलमानों की आबादी 14.5% से अधिक हो गई।’ उन्होंने आगे कहा, ‘प्रश्न यह है कि अगर देश की आबादी इसी दर से बढ़ती रही और कांग्रेस मुस्लिमों को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने पर आमादा है, तो इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए निर्धारित हिस्सेदारी में कमी आएगी
BJP : बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो वे मुस्लिम आबादी के बढ़ने के साथ आरक्षण में भविष्य में बदलाव करना जारी रखेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “मुसलमानों में कई विवाहों की प्रथा है, जिससे उनकी आबादी में वृद्धि होने की संभावना अधिक है।” त्रिवेदी ने यह भी बताया कि धर्मांतरण और घुसपैठ के कारण मुस्लिम समुदाय की आरक्षण में हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है, जिसके लिए कांग्रेस की नीतियां उन्हें सहायता प्रदान करती हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हाल की रिपोर्ट से यह चिंता उत्पन्न होती है कि एक विशेष समुदाय द्वारा जनसंख्या वृद्धि भारत की डेमोग्राफिक संरचना को प्रभावित कर सकती है। चंद्रशेखर ने पूछा, “मुस्लिम आबादी की वृद्धि का अन्य अल्पसंख्यक समुदायों जैसे जैन, बौद्ध, सिख, और ईसाईयों के अधिकारों और अवसरों पर क्या प्रभाव पड़ा है?” उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस सहित कुछ राजनीतिक दल संविधान में परिवर्तन कर धर्म आधारित आरक्षण को लागू करने की दिशा में सक्रिय प्रयास कर रहे हैं
बिहार के उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने बताया कि चुनाव के पश्चात इस मुद्दे की गहन समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम तुष्टिकरण की नीति को नहीं अपनाएंगे। अब हम मां भारती की सभी संतानों के साथ न्यायसंगत व्यवहार करेंगे।” इसी संदर्भ में, एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, “यदि ऐसा हो रहा है तो यह चिंताजनक है। सभी को समावेशी विकास की दिशा में साथ आगे बढ़ना चाहिए। इस मामले का अध्ययन आवश्यक है