एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है: शरद पवार ने कहा कि एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी पार्टी में फूट कैसे पड़ती है? ऐसा तब होता है, जब राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा समूह पार्टी से अलग हो जाता है, लेकिन आज एनसीपी में ऐसी कोई स्थिति नहीं है शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अजित पवार को पार्टी नेता माना है. शुक्रवार (25 अगस्त) को बारामती में सीनियर पवार ने कहा, ‘इसमें कोई मतभेद नहीं है कि वह (अजित पवार) हमारे नेता हैं, एनसीपी में कोई टूट नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, शरद पवार ने आगे कहा कि किसी पार्टी में फूट कैसे पड़ती है? ऐसा तब होता है जब राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा समूह पार्टी से अलग हो जाता है. लेकिन आज एनसीपी में ऐसी कोई स्थिति नहीं है. हां, कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया लेकिन इसे फूट नहीं कहा जा सकता. वे लोकतंत्र में ऐसा कर सकते हैं.
प्रिया सुले गुरुवार को पुणे में थीं। यहीं पर उन्होंने अजीत को पार्टी का सीनियर नेता बताया:
NCP के 8 विधायकों के साथ अजित NDA में शामिल हुए थे, डिप्टी सीएम की शपथ ली अजित 2 जुलाई को NCP के आठ विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। इसी दिन शिंदे सरकार में अजित ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। गुरुवार को बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था, एनसीपी में टूट नहीं हुई है. बस हमारी पार्टी के कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड लिया है गुरुवार को बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था, एनसीपी में टूट नहीं हुई है. बस हमारी पार्टी के कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड लिया है हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जयंत पाटिल प्रदेश अध्यक्ष हैं
क्या है शरद पवार की रणनीति: चुनाव आयोग तक लड़ाई पहुंच जाने के बावजूद शरद पवार और सुप्रिया सुले दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी में कोई फूट नहीं है और अजित पवार एनसीपी के नेता हैं. माना जा रहा है कि इन बयानों के पीछे शरद पवार की सोची समझी रणनीति है. शरद पवार नहीं चाहते कि उनकी पार्टी में और टूट हो. इतना ही नहीं पवार वोटर्स और जमीनी कार्यकर्ताओं में लगातार संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि पवार परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा है. इतना ही नहीं शरद पवार के बयानों से बीजेपी और विपक्ष दोनों कन्फ्यूजन की स्थिति में हैं. माना जा रहा है कि शरद पवार 2024 लोकसभा चुनाव के बाद ही अपने पत्ते खोलेंगे