Anju Pakistan News: World pakistanपाकिस्तान में अंजू की लव स्टोरी खबरों में है। भारत के राज्य उत्तर प्रदेश की रहने वाली अंजू अपने फेसबुक प्यार के चलते पाकिस्तान गई थी। हालांकि उसके पास पाकिस्तान का वीजा था जो उसे चार साल बाद मिला था। उसे यहां के खैबर पख्तूनख्वां के रहले वाले नसरुल्ला से प्यार हो गया था। नसरुल्लाह खैबर के अपर दीर में का रहने वाला है। पाकिस्तान की सरकार अब इस मामले की जांच में जुट गई है। 35 साल की अंजू और 29 साल के नसरुल्ला के बीच चार साल पहले फेसबुक पर लवस्टोरी की शुरुआत हुई थी। अंजू शादीशुदा है और इसके बाद भी नई दिल्ली से अपने प्रेमी से मिलने के लिए सीधा खैबर पहुंच गई थी। भारत की अंजू और पाकिस्तान के नसरुल्ला की लव स्टोरी अब सुर्खियां बन रही है। सीमा हैदर की तरह ही ऑनलाइन मिले प्यार को हासिल करने के लिए अंजू पाकिस्तान पहुंच गई
मीडिया को नहीं मिलने की मंजूरी: आज न्यूज को बताया है अंजू भारत में एक विवाहित महिला है। वह एक आजाद जीवन जी रही थी और वहां नौकरी करती है। उनका दावा है कि वह शादी के मकसद से पाकिस्तान नहीं आई हैं बल्कि सिर्फ खैबर के दर्शनीय स्थलों को देखने यहां आई थी। रविवार को जब इनकी लवस्टोरी पहली बार सामने आई तो खैबर के पत्रकारों को अंजू से मिलने की मंजूरी नहीं दी गई। उन्हें बताया गया कि अंजू और नसरुल्ला बाहर गये हैं। नसरुल्ला ने बाद में बीबीसी उर्दू को बताया कि वो दोनों अपने जीवन को लेकर मीडिया में प्रचार नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि वे अंजू की अगली पाकिस्तान यात्रा पर शादी करेंगे।
नसरुल्ला ने कहा, :अगले दो से तीन दिनों में अंजू और मैं औपचारिक रूप से सगाई कर लेंगे। फिर दस से बारह दिनों के बाद वह भारत वापस चली जाएगी और फिर शादी के लिए आएगी। यह मेरी और अंजू की निजी जिंदगी है। हम नहीं चाहते कि इसमें हस्तक्षेप हो। हम मीडिया से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा का अपर दीर एक रूढ़िवादी क्षेत्र है जो अफगानिस्तान की सीमा पर है। अंजू प्रसाद उत्तर प्रदेश से हैं और नहीं चाहतीं कि उनकी जानकारी, विशेषकर जिस कंपनी में वह काम करती हैं उसका नाम न्यूजपेपर्स में आए।
भारत वापस आएंगी अंजू : उन्होंने फैसला किया कि शादी के बारे में आखिरी फैसला लेने से पहले अंजू पहले पाकिस्तान में अपने परिवार से मिलेंगी। अंजू की पाकिस्तान यात्रा का उनका परिवार पूरे दिल से समर्थन कर रहा है। न केवल परिवार को बल्कि अंजू को भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों को भी यह भरोसा दिलाना पड़ा कि उन्हें मिलने का पूरा अधिकार है