पूर्णिया: दरअसल पूरा मामला पूर्णिया जिले के अकबरपुर ओपी क्षेत्र का है, जहां 15 अगस्त को अकबरपुर ओपी के नवगछिया टोला के पास नहर में अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ था. उसी गांव की विनोद मंडल की बेटी अंशु पिछले ढाई महीने से लापता थी. जैसे ही शव की सूचना उन्हें मिली तो वह भी थाना गए, जहां लड़की के कपड़ा और उनके कद काठी को देखकर उसने कहा कि यह शव उसकी बेटी अंशु का है. तब अकबरपुर पुलिस ने कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए शव को विनोद मंडल और उनके परिजनों को सौंप दिया.
बेटी के शव का अंतिम संस्कार:असल में पूर्णिया में एक शख्स ने एक अनजान शव को अपनी ही बेटी का शव समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन तीन दिन के बाद जब उसी बेटी की वीडियो कॉल आई तो पिता समेत तमाम घर के लोगों की हालत खराब हो गई।
ये सुनकर पुलिस भी हैरत में पड़ गई: इसकी सूचना देने पुलिस जब युवती के घर गई तो पता चला कि परिवार के लोग कई दिनों से घर में नहीं हैं. डीएसपी रमेश कुमार का कहना है कि पुलिस ने शक के आधार पर जांच की तो पता चला कि शव मधेपुरा जिले के परमानंद शर्मा की बेटी अंजली कुमारी है.उन्होंने आगे बताया कि अंजलि किसी युवक से प्यार करती थी. कुछ महीने पहले उसके साथ भागी थी. हालांकि, लौट आई थी, मगर, फोन पर बात करते हुए पकड़ी गई थी. इससे नाराज परिजनों ने प्लानिंग करके उसकी हत्या दी और घर में ताला लगाकर फरार हो गए अब घरवालों के सामने दुविधा आ खड़ी हुई. इस पर वो पुलिस थाने पहुंचे और बताया कि जिस शव का उन्होंने अंतिम संस्कार किया था, वो उसकी बेटी का नहीं है, बेटी तो जिंदा है. ये सुनकर पुलिस भी हैरत में पड़ गई. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि शव मधेपुरा जिला के चौसा थाना क्षेत्र की एक युवती का है
तीन दिन बाद आई वीडियो कॉल पापा मैं जिंदा हूं: वीडियो कॉल करने वाली लड़की ने कहा, पापा मैं जिंदा हूं, मैने लव मैरिज कर ली है। और फिर उस अंशू ने उस वीडियो कॉल में अपने घर से लापता होने की सारा दास्तां कहकर सुना दी। उसने बताया कि उसने जिससे लव मैरिज की है वो जानकी नगर के रुपौली में रहता है। साथ ही अंशू ने अपने पिता को हौसला देते हुए कहा था कि वो उसकी चिंता न करें वो अब अपने जीवन साथी के साथ खुश है। उसका नाम उसने बिरंजन सिंह बताया।
पुलिस नए सिरे से कर रही जांच: हालांकी नहर से मिली अज्ञात युवती का शव किसका था पुलिस के लिए यह अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. साथ ही सवाल यह भी उठता है कि परिजनों ने इतनी बड़ी भूल कैसे कर दी. वही पुलिस ने भी बिना जांच पड़ताल किए शव को विनोद मंडल को कैसे सौंप दिया. अकबरपुर ओपी के प्रभारी सूरज कुमार का कहना है वह नए सिरे से जांच कर रहे हैं और शव की पहचान का प्रयास कर रहे हैं. बहरहाल यह घटना इस इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है