दिल्ली के चर्चित बुराड़ी रेप केस में बड़ा ट्विस्ट आ गया है। रेप कांड के आरोपी प्रेमोदय खाखा के नसबंदी होने की बात सामने आई है। खाखा और उसकी पत्नी सीमा रानी को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। खाखा दिल्ली सरकार का वरिष्ठ अधिकारी है। सोमवार को पत्नी के साथ पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। पुलिस ने खाखा का पोटेंसी टेस्ट कराया। यह टेस्ट नपुंसकता की जांच के लिए होता है दिल्ली सरकार ने कहा, ‘अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’ दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग की पीड़ित लड़की एक अक्टूबर, 2020 को अपने पिता के निधन के बाद से आरोपी और उसके परिवार के साथ उनके घर में रह रही थी। आरोपी पीड़िता का पारिवारिक मित्र है जिसे वह ‘मामा’ कहती है जब नाबालिग लड़की कथित तौर पर गर्भवती हो गयी तो उसने आरोपी की पत्नी को इसके बारे में बताया जिसने अपने बेटे से गर्भपात के लिए दवाएं मंगायी और लड़की को दे दी।
. जब लड़की की मां उससे मिलने आयी तो वह जनवरी 2021 में उनके साथ अपने घर लौट गयी। उसे इस साल अगस्त में घबराहट की वजह से दौरा पड़ा और उसकी मां ने उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया जहां लड़की ने काउंसिलिंग के दौरान अपने साथ हुई पूरी घटना के बारे में बताया। वह अब 12वीं कक्षा में पढ़ती है।
पुलिस ने प्रेमोदय खाखा के खिलाफ करीब एक हफ्ते पहले (13 अगस्त) FIR दर्ज कराई थी. लेकिन एक हफ्ते तक पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी थी. फिर आजतक पर खबर चलने के बाद पुलिस एक्शन में आई और तीन घंटे में आरोपी पर एक्शन लिया गया. सोमवार को प्रेमोदय खाखा की गिरफ्तारी हुई. इस बीच आरोपी खुलेआम घूमता रहा. रविवार की उसकी एक सीसीटीवी फुटेज भी इंडिया टुडे के हाथ लगी है पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरोपी अधिकारी ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कई बार लड़की से कथित रूप से बलात्कार किया। उन्होंने बताया कि अधिकारी की पत्नी पर भी पीड़ित को गर्भपात के लिए दवाएं देने का आरोप लगाया गया है
पुलिस ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एफ) (रिश्तेदार, अभिभावक या शिक्षक या महिला का विश्वासपात्र अथवा उस पर अधिकार रखने वाले व्यक्ति की हैसियत से महिला से बलात्कार करना), 509 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्दों का प्रयोग, इशारा या कृत्य), 506 (आपराधिक धमकी), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है।