Ratan Tata Demise: उद्योग जगत के महानायक रतन टाटा का निधन, देशभर से श्रद्धांजलि
रतन नवल टाटा, जिन्हें भारतीय उद्योग के महानायक और टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिटस के रूप में जाना जाता है, का बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। रतन टाटा का निधन उद्योग जगत और पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। वह पिछले कुछ समय से गंभीर हालत में थे और उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण गहन चिकित्सा में थे। सोमवार को उन्होंने कहा था कि वह नियमित जांच के लिए अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन बुधवार को उनका निधन हो गया।
Ratan Tata Demise: अंतिम श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को दक्षिण मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में रखा गया है, जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने उनके सम्मान में राज्य में एक दिन का शोक घोषित किया है, और इस दौरान सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया वर्ली में की जाएगी। उनके अंतिम संस्कार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित रहेंगे।
Ratan Tata Demise: एक महान उद्योगपति और परोपकारी
रतन टाटा का नाम न केवल भारतीय उद्योग के विकास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि उनकी परोपकारी गतिविधियों के लिए भी उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2008 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इससे पहले, 2000 में उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। टाटा सन्स में उनकी यात्रा 1961 में टाटा स्टील से शुरू हुई, जहां उन्होंने एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू किया। 1991 में उन्होंने जे.आर.डी. टाटा की सेवानिवृत्ति के बाद टाटा सन्स के चेयरमैन का पदभार संभाला।
उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जिनमें टेटली, जगुआर लैंड रोवर, और कोरस जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स शामिल हैं। उन्होंने टाटा को एक भारतीय-केन्द्रित समूह से एक वैश्विक व्यापारिक समूह में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
देशभर से श्रद्धांजलि और शोक संदेश
Ratan Tata Demise की खबर ने पूरे देश को शोक में डूबा दिया है। विभिन्न राजनीतिक, उद्योग और सामाजिक क्षेत्रों से श्रद्धांजलि और शोक संदेश आने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें “दूरदर्शी व्यापार नेता, दयालु आत्मा और असाधारण इंसान” कहा। उन्होंने कहा कि रतन टाटा का योगदान देश और समाज दोनों के लिए अतुलनीय है और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।
Ratan Tata Demise: एक प्रेरक व्यक्तित्व
रतन टाटा का जीवन उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो न केवल व्यापारिक सफलता की चाह रखते हैं, बल्कि समाज सेवा में भी योगदान देना चाहते हैं। वह विनम्रता और करुणा का प्रतीक थे और उन्होंने अपनी व्यावसायिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी पूरा किया। उनके नेतृत्व में, टाटा ट्रस्ट्स ने स्वास्थ्य, शिक्षा, और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम किया, जिससे लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए।
Ratan Tata Demise: उद्योग और समाज के लिए अमूल्य योगदान
रतन टाटा का योगदान न केवल भारतीय उद्योग के विकास में था, बल्कि समाज में सुधार लाने के लिए भी उनके कार्य अनमोल थे। उन्होंने टाटा नैनो जैसी परियोजनाओं के माध्यम से भारत के निम्न और मध्यम वर्ग को किफायती वाहन देने का सपना साकार किया। इसके साथ ही, उन्होंने टाटा समूह को वैश्विक मंच पर भी प्रतिष्ठित किया। उनका नेतृत्व न केवल टाटा समूह के लिए, बल्कि पूरे भारतीय उद्योग जगत के लिए एक मील का पत्थर था।
देश के शीर्ष नेताओं की श्रद्धांजलि
Ratan Tata Demise पर राजनीतिक और उद्योग जगत के कई प्रमुख नेताओं ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, “रतन टाटा के निधन की खबर से मैं बहुत दुखी हूं। एक उद्योगपति और परोपकारी के रूप में उनकी विरासत ने अनगिनत लोगों और समुदायों को गहराई से प्रभावित किया है।” कांग्रेस पार्टी ने भी एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने रतन टाटा को भारतीय उद्योग जगत और समाज का महानायक बताया।
Ratan Tata Demise: श्रद्धांजलि के दृश्य
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को गुरुवार सुबह उनके घर से एनसीपीए ले जाया गया। सफेद फूलों से सजी एक गाड़ी में उनका शरीर रखा गया और टाटा समूह के कर्मचारियों और देशभर के लोगों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले शामिल थे। सभी ने उन्हें एक महान उद्योगपति, समाजसेवी और प्रेरक नेता के रूप में याद किया।
निष्कर्ष: Ratan Tata Demise और उनकी अमूल्य विरासत
रतन टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके जीवन और कार्यों ने न केवल व्यापार की दिशा बदली, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दी। उनकी विनम्रता, करुणा और दूरदर्शिता ने उन्हें न केवल एक महान उद्योगपति, बल्कि एक आदर्श इंसान के रूप में भी स्थापित किया। उनका योगदान, न केवल भारतीय उद्योग में बल्कि वैश्विक व्यापारिक जगत में, हमेशा याद किया जाएगा। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी, और उनकी स्मृति हमेशा जीवित रहेगी।
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