Praveen Netaru हत्याकांड से कर्नाटक में तनाव, सुरक्षा बढ़ी

Praveen Netaru

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कार्यकर्ता Praveen Netaru की हत्या के बाद मंगलुरू में सुहास शेट्टी की सरेआम हत्या, तनावपूर्ण माहौल

कर्नाटक के मंगलुरू में बजरंग दल के कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की सरेआम हत्या का मामला सामने आया है। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कैद हुई है, जिसमें कुछ लोग सुहास पर धारदार हथियार से हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि आसपास कुछ लोग यह घटना होते देख रहे थे। इस हत्या ने पूरे क्षेत्र में भारी तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस ने घटनास्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी है और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच से यह जानकारी सामने आई है कि सुहास शेट्टी पर फैजल नामक व्यक्ति की हत्या का आरोप था। यह हत्या बीजेपी कार्यकर्ता Praveen Netaru की हत्या के बाद की गई थी, जिससे मामले ने राजनीतिक और सांप्रदायिक रूप से उग्र रूप ले लिया।

 Praveen Netaru की हत्या का संदर्भ

Praveen Netaru , जो कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े एक सक्रिय कार्यकर्ता थे, की हत्या कुछ दिन पहले हुई थी। उनकी हत्या के बाद, मंगलुरू में तनाव बढ़ गया था। फैजल की हत्या सुहास शेट्टी के खिलाफ हत्या के आरोप के संदर्भ में की गई थी, और अब इस हत्याकांड में बीजेपी कार्यकर्ता Praveen Netaru की हत्या का संदर्भ भी महत्वपूर्ण बन चुका है। Praveen Netaru  की हत्या की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जा रही है, जिससे मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।

मंगलुरू में बढ़ा तनाव और सुरक्षा इंतजाम

सुहास शेट्टी की हत्या के बाद मंगलुरू में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। सुहास का शव जिस अस्पताल में रखा गया है, वहां भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घटना के बाद बीजेपी के सांसद नलिन कुमार कटील भी अस्पताल में पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की।

इसके अलावा, मंगलुरू में धारा 144 लागू कर दी गई है, जो कि 6 मई तक प्रभावी रहेगी। यह कदम पुलिस ने किसी भी प्रकार के साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा से बचने के लिए उठाया है। पुलिस ने हमलावरों की पहचान कर ली है और गिरफ्तारी की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का दावा किया है।

कड़ी सुरक्षा के तहत अंतिम संस्कार

सुहास शेट्टी का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा, जिसके लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। अंतिम संस्कार के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो, इसके लिए कर्नाटक राज्य के पांच जिलों के एसपी (वरिष्ठ पुलिस अधिकारी) को तैनात किया गया है। इसके साथ ही, KSRP की 52 टुकड़ियां और 1000 से अधिक पुलिसकर्मी इस मौके पर तैनात किए गए हैं। हालांकि, सुहास शेट्टी की अंतिम यात्रा के दौरान जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई है, इस पर हिंदू संगठनों ने विरोध किया है और इसकी अनुमति देने की मांग की है।

बीजेपी कार्यकर्ता Praveen Netaru और सुहास शेट्टी की हत्या से राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव

यह दोनों हत्याएं विशेष रूप से कर्नाटक में बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों के लिए संवेदनशील मुद्दे बन चुकी हैं। Praveen Netaru की हत्या के बाद से कर्नाटक में साम्प्रदायिक तनाव बढ़ गया था, और अब सुहास शेट्टी की हत्या ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। यह घटनाएं न केवल राज्य के राजनीतिक माहौल को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि समाज में भी घृणा और विभाजन की भावना को बढ़ावा दे रही हैं।

अधिकारिक प्रतिक्रिया और पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने इस हत्याकांड में त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। मंगलुरू के पुलिस आयुक्त ने बताया कि हमलावरों की पहचान की जा चुकी है और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने इस मामले में किसी भी प्रकार के सार्वजनिक प्रदर्शन या जुलूस की अनुमति नहीं दी है ताकि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

इसके अलावा, कर्नाटक सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। राज्य सरकार ने इस हत्याकांड के बाद से स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है, ताकि कोई भी और हिंसक घटना न हो।

मंगलुरू में साम्प्रदायिक स्थिति और सरकार की भूमिका

इस घटना के बाद, कर्नाटक राज्य में साम्प्रदायिक तनाव का खतरा काफी बढ़ गया है। पुलिस और प्रशासन ने इस स्थिति को संभालने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि धारा 144 लागू करना, पुलिस बल की तैनाती बढ़ाना, और सोशल मीडिया पर निगरानी रखना। प्रशासन का उद्देश्य यह है कि इस प्रकार की घटनाओं से शांति और सुरक्षा को बनाए रखा जाए और किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके।

निष्कर्ष

बीजेपी कार्यकर्ता Praveen Netaru और बजरंग दल के कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्याओं ने कर्नाटक में राजनीतिक और साम्प्रदायिक माहौल को प्रभावित किया है। इस मामले की जांच तेजी से चल रही है, और पुलिस ने अपनी तैनाती को बढ़ा दिया है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इस समय मंगलुरू और आसपास के क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखना राज्य सरकार और पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

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