Kawad Yatra 2023 : कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं,

  Kawad Yatra 2023:  वड़ यात्रा हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण एक पवित्र यात्रा है जो भगवान शिव के प्रतीक मानी जाती है। यह यात्रा सावन मास के महीने में आधिकारिक रूप से शुरू होती है, जो वाणीप्रस्थ नक्षत्र में आता है, और लगभग 30 दिन तक चलती है।

कांवड़ यात्रा में कांवड़ यात्री भक्त भगवान शिव के लिए जल लेकर यात्रा करते हैं। ये जल उन्हें शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। ये यात्रा भारत के विभिन्न शिवालयों या तीर्थस्थलों में की जाती है, जैसे कि हरिद्वार, रिषिकेश, काशी, आंबाजी, सोमनाथ, त्र्यम्बकेश्वर, और महाकालेश्वर (उज्जैन)।

कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं, जो यात्रीओं को पालन करने होते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण नियम निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. आवागमन और वापसी का निश्चित समय: यात्री को कांवड़ यात्रा के लिए आवागमन और वापसी का निश्चित समय जानना चाहिए और इसके अनुसार यात्रा की योजना बनानी चाहिए।
  2.  व्रत और संयम: यात्री को यात्रा के दौरान व्रत रखना और संयम बनाए रखना चाहिए। इसमें अन्न, मांस, शराब, और तम्बाकू का त्याग शामिल हो सकता है।शुद्धता और स्नान: यात्री को अपने मन, शरीर, और वस्त्रों की शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें नियमित रूप से स्नान करना चाहिए और स्नान करने के लिए पवित्र जल का उपयोग करना चाहिए।सम्मान के साथ यात्रा करना: यात्री को दूसरे यात्रीयों, स्थानीय लोगों, मंदिरों, और पवित्र स्थलों का सम्मान करना चाहिए। यात्रा के दौरान सभी नियमों का पालन करना चाहिए और धार्मिक और सामाजिक नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।स्वच्छता का ध्यान रखना: यात्री को यात्रा के दौरान अपने आसपास की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। वे सार्वजनिक स्थानों पर कचरा नहीं फेंकने चाहिए और पर्यावरण का सम्मान करने के लिए कचरा सही ढंग से व्यवस्थित करना चाहिए।

ये नियम केवल सामान्य दिशानिर्देश हैं और यात्री को संबंधित स्थानों और यात्रा के आयोजन संगठन द्वारा दिए गए विशेष निर्देशों का भी पालन करना चाहिए। इसलिए, कांवड़ यात्रा के दौरान यात्री को संबंधित अधिकारिक तथा स्थानीय निर्देशों का भी पालन करना चाहिए

 

यात्री को श्रद्धा और समर्पण के साथ यात्रा करनी चाहिए।

यात्री को मानसिक और शारीरिक नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे कि नियमित ध्यान, ध्यान में रहना, व्रत रखना, और भजन करना।

यात्री को सत्यनिष्ठा, अहिंसा, और निर्मल चरित्र का पालन करना चाहिए।

यात्री को सावधान रहना चाहिए और धार्मिक और सामाजिक नियमों का पालन करना चाहिए।

यात्री को वाणीप्रस्थ नक्षत्र में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा का समय जानना चाहिए और उसी के अनुसार यात्रा की योजना बनानी चाहिए।

सावन के महीने की शुरुआत से ही कांवड़ यात्रा निकलना शुरू हो जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 4 जुलाई 2023 को पड़ रही है. कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी 4 जुलाई से होगी जो 15 जुलाई 2023 दिन शनिवार को शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के साथ समाप्त होगी

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