Ismail Haniyeh Death: हानिया की हत्या इजरायल ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया पहले बयान में खुलासा

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Israel–Hamas war : इजरायल और हमास  के बीच दशकों से जारी शत्रुता ने हाल ही में एक और गंभीर मोड़ लिया है। Ismail Haniyeh जो हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख थे, को उनके तेहरान स्थित आवास पर एक हवाई हमले में मार गिराया गया है। इस हमले में उनके बॉडीगार्ड की भी मृत्यु हो गई है। यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि इजरायल और हमास के बीच विवाद कितना गहरा है।
 Ismail Haniyeh

Ismail Haniyeh का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के अल-शती शरणार्थी शिविर में हुआ था। वे हमास के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और 2006 में हमास की चुनावी जीत के बाद फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रधानमंत्री बने थे। Ismail Haniyeh का करियर विवादास्पद रहा है, जिसमें इजरायल के साथ तनाव और संघर्ष के कई चरण शामिल हैं। उनकी हत्या से हमास के लिए नेतृत्व का संकट उत्पन्न हो सकता है और इसके व्यापक राजनीतिक परिणाम होंगे।

यह हमला मोसाद के उस दृष्टिकोण को भी दर्शाता है जिसे वह वर्षों से अपना रही है। मोसाद, इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी, दुनिया भर में अपने दुश्मनों को खोजने और उन्हें निशाना बनाने के लिए कुख्यात है। इस एजेंसी के तौर-तरीके अक्सर गुप्त और उच्च तकनीकी होते हैं, जिसमें सैटेलाइट सर्विलांस, ह्यूमन इंटेलिजेंस (HUMINT) और साइबर वॉरफेयर शामिल हैं। इस हमले को इस्रायल की उस रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है जिसमें वह अपने दुश्मनों को उनकी सुरक्षा के गढ़ में भी निशाना बनाता है।

हमास और इजरायल के बीच संघर्ष का यह नवीनतम उदाहरण न केवल इस्रायली-फिलिस्तीनी संघर्ष की जटिलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि किस तरह यह संघर्ष क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति से प्रभावित होता है। Ismail Haniyeh की हत्या से जुड़े इस हमले के बाद, ईरान और हमास दोनों के लिए नए सिरे से रणनीतिक विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी। ईरान, जो हमास का प्रमुख सहयोगी है, इस घटना को अपनी विदेश नीति के संदर्भ में कैसे देखता है, यह देखना अहम होगा।

अंततः, इस हमले के परिणाम स्वरूप इजरायल, हमास, और उनके संबंधित सहयोगी देशों के बीच संबंधों में और अधिक तनाव और अनिश्चितता की संभावना है। यह घटना न केवल इन संगठनों के बीच संघर्ष को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस प्रकार इस तरह के घटनाक्रम से व्यापक भू-राजनीतिक परिवर्तन संभव हैं


हमास के प्रमुख Ismail Haniyeh की हत्या की खबर ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तनाव को और बढ़ा दिया है। मंगलवार को ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए ईरान पहुंचे Ismail Haniyeh ने इस अवसर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की। हालांकि, उनकी यह यात्रा उनके लिए घातक साबित हुई क्योंकि इसके अगले ही दिन बुधवार की सुबह, इजरायल ने उस विशेष घर को निशाना बनाकर उड़ा दिया, जहां वह ठहरे हुए थे।

इजरायल की इस कार्रवाई को ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने भी पुष्टि की है। IRGC के मुताबिक, इस हमले का उद्देश्य सीधे तौर पर हमास के नेता को निशाना बनाना था। इस हमले में Ismail Haniyeh के साथ-साथ उनके बॉडीगार्ड की भी मृत्यु हो गई।

Israel और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में यह नवीनतम घटना भू-राजनीतिक तनावों को और गहरा कर सकती है। हानिया की हत्या से न केवल हमास में नेतृत्व का संकट पैदा हो सकता है, बल्कि इस क्षेत्र में शक्ति संतुलन में भी बदलाव आ सकता है। इस घटना के परिणामस्वरूप ईरान और इजरायल के बीच रिश्तों में और अधिक खटास आ सकती है, जिससे आगे चलकर और अधिक सैन्य और राजनीतिक घटनाक्रम हो सकते हैं।

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