28 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले से संबंधित धन के ठिकाने का बड़ा पर्दाफाश करेंगे

Delhi News : अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े एक संदिग्ध घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज, 27 मार्च, बुधवार को हाई कोर्ट में पेश किया गया. ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की कस्टडी में रहने का आदेश दिया, जिसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की गई है  सुनीता केजरीवाल ने बताया कि जिसे शराब घोटाले का नाम दिया गया है, उसकी जाँच में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दो वर्षों में 250 से अधिक बार छापेमारी की है। अरविंद केजरीवाल इसे लेकर लगातार सक्रिय हैं और इस तथाकथित घोटाले से जुड़े धन की खोज कर रहे हैं। हालांकि, अब तक की गई किसी भी छापेमारी में इससे संबंधित कोई धन नहीं पाया गया है।

केजरीवाल के प्रतिनिधि, अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में तर्क देते हुए कहा, “मेरी इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं है। ईडी का आरोप है कि मैंने सहयोग नहीं किया। ‘असहयोग’ इस एजेंसी द्वारा बार-बार गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। किसी को भी खुद के खिलाफ बोलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। अगर मैं कहूं कि मुझे कुछ याद नहीं या मेरी याददाश्त कमजोर है, तो क्या इसे गिरफ्तारी का आधार माना जाएगा

वे बोले, “क्या चुनाव से ऐन पहले मेरी गिरफ्तारी अनिवार्य थी :  मैं फरार होने की स्थिति में नहीं था। मैंने सहयोग की पेशकश की, सवालों के लिए कहा, और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की सुविधा देने का प्रस्ताव भी रखा। अब आरोप लगाया जा रहा है कि मैं सबूतों में हेरफेर कर सकता था। अगर ऐसा था, तो मैं पहले ही क्यों नहीं कर चुका होता? वास्तव में गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। ईडी ने हमारे यहाँ छापा भी मारा, पर उन्हें केवल 75,000 रुपये ही मिले। तो फिर इस घोटाले का पैसा कहाँ है? अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह 28 मार्च को अदालत में इसका पर्दाफाश करेंगे, और पूरे देश को बताएंगे कि इस कथित शराब घोटाले का पैसा वास्तव में कहाँ है। इसके प्रमाण भी पेश किए जाएंगे।

 

वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने बयान दिया कि केजरीवाल का अरेस्ट संविधान के मूल सिद्धांतों के विपरीत है। उन्होंने कहा, “यह गिरफ्तारी संविधान की बुनियादी संरचना के खिलाफ है। चुनाव से ठीक पहले एक मुख्यमंत्री को हिरासत में लेना, यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा को कमजोर करता है, जो कि संविधान के मौलिक ढांचे का अभिन्न अंग है। आदर्श आचार संहिता के प्रभाव में आने के बाद यह गिरफ्तारी हुई है, जिससे उन्हें प्रचार से वंचित कर दिया गया है। हालांकि एक मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी संभव है, मुख्य मुद्दा इसके टाइमिंग का है।

दिल्ली के मंत्री, गोपाल राय ने बताया : कि आज दिल्ली विधानसभा में एक विशेष अधिवेशन आयोजित किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक मुख्यमंत्री केजरीवाल की हालिया गिरफ्तारी के पश्चात पहली बार संवाद के लिए आहूत की गई है। इस घटना पर सभी विधायकों ने पहले ही अपनी नाराजगी प्रकट की है।इसी समय, उच्च न्यायालय में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी और दिल्ली आबकारी नीति केस में उन्हें ईडी की कस्टडी में भेजे जाने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय के विरोध में दायर की गई उनकी याचिका पर पुनः सुनवाई आरम्भ हो गई है। एक ओर जहाँ आम आदमी पार्टी गिरफ्तारी के खिलाफ खड़ी हुई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्ष में है

कि आज दिल्ली विधानसभा में एक विशेष अधिवेशन आयोजित किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक मुख्यमंत्री केजरीवाल की हालिया गिरफ्तारी के पश्चात पहली बार संवाद के लिए आहूत की गई है। इस घटना पर सभी विधायकों ने पहले ही अपनी नाराजगी प्रकट की है।

इसी समय, उच्च न्यायालय में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी और दिल्ली आबकारी नीति केस में उन्हें ईडी की कस्टडी में भेजे जाने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय के विरोध में दायर की गई उनकी याचिका पर पुनः सुनवाई आरम्भ हो गई है। एक ओर जहाँ आम आदमी पार्टी गिरफ्तारी के खिलाफ खड़ी हुई है, वहीं भारतीय जनता पार्टी इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्ष में है

 

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